वी कुमार/मंडी
प्राइमरी स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाओं के विरोध में धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा। मंडी के ऐतिहासिक सेरी चाणनी परिसर में गोहर खंड से आई सैंकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन करके सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बता दें कि 22 से 29 अक्तूबर तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीटू के बैनर तले पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इनकी मांग है कि प्राइमरी स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाओं को बंद करके आंगनबाड़ी केंद्रों को ही इसका दर्जा दिया जाए। बता दें कि बीती 8 अक्तूबर को सीएम जयराम ठाकुर ने बगस्याड़ स्कूल से प्री-नर्सरी कक्षाओं की शुरूआत की थी। इसके तहत अब प्राइमरी स्कूलों में ही प्री-नर्सरी की पढ़ाई होगी। आंगनबाड़ी वर्कर एंड हैल्पर यूनियन का मानना है कि सरकार के इस निर्णय का असर आंगनबाड़ी केंद्रों पर पड़ रहा है। वहां पर बच्चों की संख्या घट रही है।
इससे इन केंद्रों पर खतरे के बादल मंडराने लग गए हैं। ऐसे में इन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि प्री-नर्सरी कक्षाओं को स्कूलों में बंद करके इन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू किया जाए। सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। इसी बात से खफा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं धरने पर उतर आई हैं। वहीं यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अपने मानदेय में बढ़ोतरी की मांग भी उठा रही है। हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने की गुहार लगा रही हैं। आंगनबाड़ी वर्कर एंड हैल्पर यूनियन जिला मंडी की प्रधान हमिंद्री शर्मा ने बताया अगर सरकार जल्द ही इनकी मांगों पर गौर नहीं फरमाती है तो फिर 11 और 12 नवंबर को शिमला में होने वाले सम्मेलन में सरकार के ख़िलाफ़ उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।