एमबीएम न्यूज़/नाहन
आपने कई चोर व पॉकेटमार के बारे में सुना और देखा होगा, लेकिन नाहन में 80-90 के दशक के बीच एक ऐसा चोर भी था जो जेके बॉस के नाम से जाना था। उसकी जिंदगी किसी शहजादे से कम न थी। बेशक वह क्राइम की इस दुनिया में जेके बोस के नाम से जाना जाता था, मगर असल में वह एक भला इंसान था। गलत काम करता था लेकिन उसके बाद उसके अंदर का अच्छा इंसान उसे कमाई गई चोरी की दौलत को गरीबों पर लुटाने को मजबूर कर देता था। इसलिए गरीबों व बच्चों में उसकी छवि रोबिन हुड की तरह थी। इस चोर के किस्से अजीब है।
जेके ऐतिहासिक नाहन शहर का बाशिंदा था। मगर बताते हैं कि जेके का परिवार बंटवारे के बाद नाहन में आकर बसा था। जेके के परिवार में उसके भाई भी थे जो अन्य काम करते थे। उसके पिता फाउंड्री में एक कर्मचारी थे। जेके स्कूल टाइम से ही बिगड़ गया था। वहीं से वह शैतानी पर उतर आया था। उसने पॉकेट चोरी का काम शुरू कर दिया था। नाहन की पुलिस के लिए भी जेके सिर दर्द था। उसकी सबसे बड़ी बात यह थी कि वह एक चोर होते हुए भी एक भला इंसान था। जो कि गरीब और बच्चों को बहुत प्यार करता था।
जानकार बताते हैं शहर के नामी लोग जो आज करोड़पति हो गए हैं, वह भी जेके से उधार लेते थे। जेके अपनी मदद करने वाले व्यक्ति को मालामाल कर देता था। अगर कोई उसे सौ रुपए मदद के लिए देता था तो वह उसके बदले उसे 1000 देता था।
खूबसूरत नौजवान था जेके..
जेके का अंदाज हटकर था। जेके का कद 5 फुट 9 ईंच था। वह नैन नक्श से काफी सुंदर था। वह किसी फ़िल्म के हीरो की तरह रहता था। आंखों पर काला चश्मा और सिर पर हैट जेके की पहचान थी। वहां एक टेपरिकॉर्ड लेकर अक्सर बाजार में देखा जाता था। कई मर्तबा उसके साथी लोग टेपरिकार्ड चलाते थे। वह पीछे से उनके साथ चलता था।
जमानत के लिए स्वयं ही देता था पैसे…
बताते हैं कि एक बार जेके को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उस पर आरोप था कि उसने मनाली में किसी व्यक्ति की पॉकेट मारी थी। पुलिस ने उसे लॉकअप में बंद कर दिया था। इस दौरान उसने अपने एक जानकार को बुलाकर जमानत देने को कहा, लेकिन जानकार ने कहा कि मेरे पास तो पैसे नहीं है। जेके ने कहा कि पैसे तो मैं तुझे देता हूं। उसके बाद उसने अपनी पैर की जुराब से 2000 रुपए निकाल कर जानकार को दिए। इस तरह वह अपनी जमानत करवाता था। उसके कई अजीबो गरीब किस्से हैं, जो एक आम आदमी को हैरान कर देते हैं।
चैलेंज के रूप में पुलिस वाले की ही जेब काट डाली
बताते हैं कि एक बार पुलिस कर्मी जेके को गिरफ्तार कर थाने ले जा रहे थे। इस बीच एक पुलिस वाले ने कहा कि बड़ा पॉकेटमार बनता है, हमारी पॉकेट काट के दिखा तब माने। लेकिन जब पुलिस कर्मी उसे लॉकअप में डाल रहे थे तो जेके ने एएसआई को कहा कि लीजिए जनाब आपका पर्स। इस पर सभी पुलिसकर्मी हैरान हो गए। वह कई बार एयरपोर्ट से ब्रीफ़केस व सूटकेस पर भी हाथ साफ कर देता था।
बच्चों पर लुटाता था खूब पैसे
जेके बोस बच्चों से बहुत प्यार करता था। जब भी वह बड़ी चोरी करता था तो वह बच्चों के बीच में आकर पैसे बांटता था। बच्चे हमेशा टकटकी लगाए रहते थे। जेके अंकल कब आएगें। जेके को अपने गलत कार्य पर अफसोस था। जेके की खास बात यह थी कि वह नाहन में चोरी नहीं करता था। वह अन्य बड़े शहरों में चोरी करता था। उसके बाद नाहन में आकर ऐशो-आराम करता था।
जेके की मां थी एक धार्मिक स्त्री
जेके की मां कच्चा टैंक स्थित एक शिव मंदिर में पूजा अर्चना करती थी। जहां जेके शातिर चोर था तो वही उसकी मां एक धार्मिक स्त्री जो भगवान की पूजा-अर्चना में विश्वास रखती थी। बेटे के गलत कार्यों से भी दुखी थी। वह कई बार जेके को समझाती थी कि बेटा ऐसा काम न कर, लेकिन जेके नहीं मानता था। क्योंकि उसे इसके अलावा दूसरा कोई काम आता नहीं था।
अंत में बीमार होकर मरा जेके
जेके की मौत किसी बीमारी के चलते हुई थी। आज उसका कोई भी वारिस व कोई रिश्तेदार नहीं है। जेके का परिवार नाहन किराए के मकान में रहता था। उसका परिवार शहर के मियां मंदिर के पास स्थित एक घर में रहता था।
सौ रुपए की सिगरेट बना कर भी पीता था जेके
जेके बॉस का सबसे हटके अंदाज यह भी था की वह सौ रुपए को मोड़कर सिगरेट का रूप देकर पीता था। उसकी यह बात शहरवासियों को हैरान कर देती थी। करीबियों की मानें तो वो यह जताने की कोशिश करता था कि पैसा हाथ की मैल है।
Latest
- बच्चों ने पढ़ाते हुए वीडियो बना किया वायरल, गुस्साई अध्यापिका ने क्लास को छुरी दिखा धमकाया
- पांवटा साहिब : शिव मंदिर में ब्राह्मण सभा की बैठक, परशुराम जयंती की तैयारियों पर हुई चर्चा
- हिमाचल के चार IPS लाल, अशांत राज्यों में निडरता से राष्ट्रीय पहचान, जानिए कौन हैं वो सिंघम…
- माता पद्मावती कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग में राष्ट्रीय कांफ्रेंस, प्रौद्योगिकी के नवीनतम अद्यतन पर चर्चा
- ऊना : बाइक स्किड होने से दो युवकों की मौत, एक घायल