सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं
ग्राम पंचायत समोह में गांव के स्थानीय लोगों ने एक मिसाल पेश की गई है। बिलासपुर-बरठीं सड़क से रैली गांव तक सड़क का निर्माण गांव के लोगों ने जन सहयोग से किया है। गौरतलब है कि इस गांव के लोग सड़क को बनाने के लिए पंचायत व अन्य सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट कर थक गए, तो थक हार कर निर्णय लिया कि आपसी सहयोग से ही सडक का सुधार किया जाएगा। इसलिए लोगों ने सहयोग से तीस हजार रूपये इकट्ठा किए। जेसीबी लगा कर सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया। जिसमें लोगों ने श्रम दान भी किया।
इस गांव के लोगो ने बताया कि पहले भी यह सड़क लोगों के सहयोग से निकाली गई थी। भारी बारिश के कारण यह सड़क बुरी तरह खराब हो गई थी। जिस पर वाहन चलाना तो क्या पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। इसके लिए लोगों ने इस सड़क को ठीक करवाने के लिए पंचायत व विधायक के पास कई चक्कर काटे। मगर कही से कोई सहायता नहीं मिली। इसलिए लोगों ने आपसी सहयोग से सड़क निर्माण का निर्णय लिया था।
लोगों ने तो इतना तक कह दिया कि विभाग व सरकारे अपने चहेतों को लाभ पहुंचने तक ही सीमित है। गरीब की कहीं कोई सुनवाई नहीं होती। जब लोग अपनी सुविधाओं के लिए खुद ही पैसा खर्च कर रहे है तो विधायक, पंचायत व सरकार बनाने से क्या फायदा है।