शिमला (शैलेंद्र कालरा) : उत्तर भारत सहित हिमाचल प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो गया है। वीरवार को सिल्ट आ जाने की वजह से एनजीपीसी की 1600 मैगावाट विद्युत परियोजना समेत रामपुर में 400 मैगावाट की विद्युत परियोजना में उत्पादन ठप्प हो गया है। फिलहाल इस बात का सही तरीके से अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि बिजली उत्पादन को पुन: बहाल करने में कितना वक्त लगेगा।
एनजीपीसी की विद्युत परियोजनाहिमाचल में स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर (एसएलडीसी) ने फौरी कार्रवाई करते हुए राज्य के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों पर पावर कट लगा दिया है। इन परियोजनाओं में उत्पादन ठप्प होने से राज्य को 745 मैगावाट बिजली की कमी हो गई है। प्रदेश को एनजीपीसी से 585 मैगावाट, जबकि रामपुर से 160 मैगावाट बिजली मिलती है।
पता चला है कि एसएलडीसी ने बिजली की कमी की भरपाई करने के मकसद से 250 मैगावाट पावर को खरीद लिया है जबकि 200 मैगावाट की आपूर्ति नॉर्दन ग्रीड से की जाएगी। हिमाचल को इस वक्त रोजाना 260 लाख यूनिट की जरूरत है। उधर जानकारों के मुताबिक एनजीपीसी व रामपुर में उत्पादन ठप्प होने का असर उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी पड़ेगा, क्योंकि इन राज्यों को भी एनजीपीसी व रामपुर से हिस्सेदारी मिलती है।
इसी बीच चीफ इंजीनियर (सिस्टम ऑपरेशन व प्लानिंग) सुनील ग्रोवर ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को बताया कि दो प्रमुख विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन ठप्प होने से आंशिक तौर पर पावर कट लगाने पडेंगे। उन्होंने कहा कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं होगा।
उधर पावर कंट्रोलर जोगिंद्र सिंह ने बताया कि उद्योगों में कट लगाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि उद्योगों की रोजाना 800 से 900 मैगावाट की डिमांड रहती है।