एमबीएम न्यूज/नाहन
डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में नौ माह की गर्भवती के शिशु की मौत के मामले से शुक्रवार को परिसर में खूब हंगामा हुआ। स्वाभाविक सी बात है कि वो परिवार उस समय स्तब्ध रह जाएगा, जब पता चलेगा कि मां की कोख में पल रहे शिशु की अचानक ही धडक़न रुक चुकी है। परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप जड़ा तो एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने इसकी गहनता से पड़ताल करने का फैसला लिया, क्योंकि इसमें मौखिक तौर पर ही अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए जा रहे थे। कहीं पर भी लिखित शिकायत नहीं थी।
जांच में पता चला कि रात साढ़े 9 बजे के आसपास नौ महीने की गर्भवती डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। इसके बाद रात 11 बजे महिला का अल्ट्रा साऊंड किया गया। परिवार को शिशु की धडक़न रुक जाने की दर्दनाक खबर 11 से 11:30 के बीच दे दी गई थी। सुबह साढ़े 9 बजे स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभा ने वार्ड का राऊंड भी किया। रात को किए गए टैस्ट की रिपोर्ट चिकित्सकों को सुबह 10:28 बजे मिली। इसमें महिला का एचबी व लीवर इत्यादि सामान्य आया। लिहाजा चिकित्सकों ने तुरंत ही ऑपरेट करने का फैसला नहीं लिया।
प्रसव पीड़ा के मकसद से तुरंत ही महिला को दवा भी दी गई, क्योंकि ऐसी स्थिति में गर्भ में मरे बच्चों को सामान्य तरीके से बच्चादानी से निकाला जा सकता है। अहम बात यह है कि भारी दबाव व आरोप लगने के बावजूद भी वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हरमिन्द्र महाजन ने संयम नहीं खोया, क्योंकि अगर परिवार के ऑपरेशन के दबाव में आ जाते तो इसका नुकसान गर्भ में अपने शिशु को खो चुकी महिला को ही उठाना पड़ता। इस तरह के मामलों मेें अमूमन 6 दिन के बाद ही संक्रमण की आशंका रहती है। अगर टैस्ट रिपोर्टस में कुछ गड़बड़ी पाई जाती तो उस स्थिति में ही ऑपरेट करने का जोखिम चिकित्सकों को लेना पड़ता।
अहम बात यह है कि जहां चिकित्सकों की भूमिका को संदेह के घेरे में खड़ा किया जा रहा था, वहीं चिकित्सक संयम बरतते हुए अन्य रोगियों की भी जांच कर रहे थे। शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने दो महिलाओं की बच्चेदानी निकालने के अलावा तीन जटिल सजेरियन किए। कुल मिलाकर इस घटना से सबक लिया जाना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जिस परिवार के साथ बीतती है, उस पर दुखों का पहाड़ टूटता है, लेकिन पूरी स्थिति समझने के बाद ही तिमारदारों को आरोप लगाने चाहिए।
उधर इस बारे डॉ. हरमिन्द्र महाजन का कहना है कि अगर उनके खिलाफ कोई भी चूक साबित होती है तो वो इस्तीफा देने को भी तैयार हैं।
सनद रहे कि इस पूरे मामले में एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने अस्पताल पहुंच कर व्यक्तिगत तौर पर महिला से भी बात करने का प्रयास किया, लेकिन महिला ने इस बारे कुछ भी कहने से इंकार किया। साथ ही पति से बात करने को कहा। इस पर पति ने भी यही कहा कि सब कुछ ठीक है। चिकित्सकों द्वारा उपचार किया जा रहा है।
Latest
- कंपनी के कर्मचारी पर करीब डेढ़ लाख की किस्त गबन करने का आरोप
- करसोग में भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व IPS जगत राम सहित दर्जनों समर्थकों ने छोड़ी पार्टी
- सिरमौर में पनप रहे ड्रग व माइनिंग माफिया, कांग्रेस नेता दे रहे संरक्षण
- मंडी : कंगना एक अच्छी अभिनेत्री लेकिन जयराम ठाकुर एक फ्लॉप डायरेक्टर
- ऊना : जनसभा में विधायक संजय रतन के बिगड़े बोल, माता चिंतपूर्णी की कसम देकर मांगे वोट