एमबीएम न्यूज़/शिमला
सीटू ने राज्य सरकार से आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने की मांग की है। इसे लेकर सीटू 6 अक्तूबर को प्रदेश भर में धरने प्रदर्शन करेगी। सीटू की रविवार को शिमला में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया।
सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को लेकर सीटू राज्य कमेटी 6 अक्तूबर को पूरे प्रदेश में धरने प्रदर्शन करेगी। उन्होंने मांग की है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए राज्य सरकार पॉलिसी बनाये। उन्होंने मांग की कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सभी तरह के श्रम कानून अमल में लाये जाएं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारियों की तर्ज पर समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर आउटसोर्स कर्मचारियों को
न्याय न मिला तो आंदोलन तेज होगा।
मेहरा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बस किरायों में बेतहाशा वृद्धि के कारण मजदूरों का गुजर बसर करना मुश्किल हो जाएगा। प्रदेश में मजदूरों को महंगाई भत्ता नही मिलता और उनके वेतन को महंगाई सूचकांक के साथ नहीं जोड़ा गया है। मजदूरों को केवल 6750 रुपये वेतन दिया जा रहा है। बस किरायों में 25 प्रतिशत वृद्धि व न्यूनतम किराया को दोगुना करने से मजदूरों पर विपरीत असर पड़ेगा। इसलिए सीटू जिला कमेटी ने निर्णय लिया है कि 4 अक्तूबर को सीटू द्वारा बस किराया वृद्धि के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार पर मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाया है। कहा कि दोनों सरकारें चन्द पूंजीपतियों के लिए कार्य कर रही हैं व श्रम कानून में परिवर्तन कर व विभिन्न कानूनों को खत्म कर तथा मजदूर विरोधी नीतियां लागू करके मजदूरों पर हमले कर रही हैं।
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