अनिल छांगू /ज्वाली
जंहा प्रदेश की पुलिस जनता मे सहयोग की उम्मीद लगाते हुए हर वर्ग से अच्छे रिश्ते निभाने की बात करती है व जहां हिमाचल पुलिस ने आम जनता से मिलन सार रिश्ता रखने की कोशिश कर रही है। वहीं पुलिस की वर्दी दागदार होती जा रही है वैसे हिमाचल पुलिस का यह पहला मामला नही है कि पुलिस पर संगीन अरोप न लगे हों।
यह मामला विधानसभा फतेहपुर के तहत पड़ती पुलिस चौंकी रैहन का है, जहां एक महिला ने रैहन पुलिस पर कई संगीन आरोप लगाए हैं। जानकारी अनुसार बडी बतराहण पंचायत की निवासी अनु बाला पत्नी इशु कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ऑनलाईन शिकायत की है कि शनिवार शाम छ बजे दो पुलिस बाले उनके घर पंहुच कर व उन्हें गाली गलौच करने लग पड़े। क्योंकि पीडिता ने घर मे शौचालय के निमार्ण के लिए खड्ड का कार्य चलाया हुआ था कि रैहन पुलिस के दो एचसी अशोक कुमार व उनके साथी ने घर गुस्ते में गाली गलौच व मेरे साथ मारपीट शुरु कर दी व जाति सूचक शब्द के साथ अपशब्दो का प्रयोग करते हुए बोले कि हम पुलिस बाले होते है हम अन्दर करने मे एक मिनट का समय भी लगाते है।
पीडिता ने बताया कि जब उसी बक्त उनके पति घर पंहुचे तो उन्होंने पुलिस को पुछा की आप को किसी ने शिकायत की है या कोई कोर्ट के आदेश है तो पुलिस ने कहा कि तुम ज्यादा कानूनी बने हो हम पुलिस बाले है हम आप जैसो को सिधा करना जानते है। पीडिता का कहना है कि सरकार व पुलिस महिला सुरक्षा के प्रति बडे बडे दावे करती है, मगर जब पुलिस ने उसके व उसकी नन्ही बेटी के साथ मारपीट की। साथ मे बने खड्डे मे धकेल दिया व महिला आरक्षी न होने के न होते हुए पुलिस बालो ने उन्हें कैसे पकडा। पीडिता महिला व उसके परिजनो ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए ऎसे पुलिस बालो के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
वहीं डीएसपी साहिल अरोडा का कहना है कि इस मामले पर जांच की जाएगी। जो भी दोषी हुआ उसे उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं महिला व परिजनो पर मौका पर पुलिस का बैग छिन कर ले जाने व अभद्र व्यवहार करने की शिकायत भी रैहन पुलिस ने दर्ज की है।
वहीं एसपी संतोष पटियाल का कहना है कि पुलिस की सोच आम लोगो से ताल मेल बढाना है न की वर्दी से डराना। शिकायत आई है, जिस पर जांच की जा रही है।
क्या कहना है पुलिस कर्मी का
मौके पर गए एचसी अशोक कुमार से इस बारे में पूछा तो उन्होंने सारे आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि गांव के ही एक बुजुर्ग पूर्व सैनिक उनके पास आए थे। उन्होंने कहा कि उसकी जमीन को जेसीबी से उखाड़ा जा रहा है। इसके बाद वह अन्य पुलिस कर्मी के साथ मौके पर गए। वहां पर जेसीबी लगी थी। उन्होंने इशु कुमार (महिला के पति) व एक अन्य परिजन को कहा कि इस जमीन का विवाद चला हुआ है। आप जमीन की निशानदेही करवाओ और जिसकी भी निकलती है, कब्जा लो। इस पर इशु कुमार गुस्से में आ गया और उनसे बैग छीन लिया। साथ ही महिलाओं को बुलाकर कहा कि इन पर झूठे आरोप लगाओ। महिला व उसके परिजनों ने उन पर पत्थरों से हमला भी किया। जाति सूचक शब्द कहने के आरोप पर उन्होंने कहा कि हमें न तो इशु कुमार व न ही शिकायतकर्ता बुजुर्ग की जाति के बारे में पता है। ऐसे में हम जाति सूचक शब्द कैसे कहेंगे।
https://youtu.be/q_a4u2EYoAQ