मोक्ष शर्मा/शिमला
प्रदेश में युवाओं में बढ़ती नशाखोरी चिंत का विषय है। करीब एक साल पहले ऑनलाइन ब्लू व्हेल गेम ने हर किसी के होश उड़ा रखे थे। अब पबजी गेम से हर कोई युवा वाकिफ है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि टैक्नोलॉजी के प्रति आकर्षण होना चाहिए, लेकिन कतई भी इसका इस्तेमाल लत के लिए नहीं होना चाहिए। आईओएस व एंड्रायड पर उपलब्ध पबजी गेम महज चार महीने में 100 मिलियन डाउनलोड हासिल कर चुकी है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने इस गेम को लेकर युवाओं की नब्ज टटोली तो पता चला कि शायद ही कोई घर या कॉलेज या कार्यालय हो, जहां युवा इस गेम को नहीं खेल रहे हों। ऐसी भी जानकारी है कि कुछ युवाओं कीे इसकी इतनी लत पड़ चुकी है कि रात इसे खेलते हुए गुजार देते हैं। युवाओं का कहना है कि इसे खेलते वक्त अलग ही दुनिया का अहसास होता है। एंड्रायड पर 163 जीबी की औसत फाइल आकार की यह गेम किसी हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित हो सकती है।
यह गेम एक आभासी द्वीप पर खड़े आखिरी व्यक्ति के बारे में है, जहां आपको लडाकू विमान से गिरा दिया गया है। 99 विरोधियों को इंटरनेट बाट नहीं है। आईटी में काम करने वाले आईटी के पदम सिंह का कहना है कि उनके कार्यालय में इस खेल को काफी खेला जा रहा है। एमबीए के छात्र अंकुश का मानना है कि पूरी रात इस खेल को खेलते हुए गुजर जाती है। इसके माध्यम से ऑनलाइन ही नए लोगों से मुलाकात भी होती है। पालमपुर के साहिल कपूर ने बताया कि यह गेम इतनी ज्यादा लोकप्रिय हो चुकी है कि आने वाले डिपार्टमेंटल फेस्टीवल में प्रतियोगिता रखी गई है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो हर जगह युवाओं का झुंड इस खेल को खेलते हुए नजर आता है।
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