वी कुमार/मंडी
पिछले कल से हो रही भारी बारिश के कारण नदी नालों के जलस्तर में भारी ईजाफा हो गया है। इस कारण मंडी जिला के तहत आने वाले लारजी और पंडोह डैम का जलस्तर भी बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने के कारण दोनों बांधों से भारी मात्रा में पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है। जिसके कारण नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हो गई है। बता दें कि ब्यास नदी पर लारजी के पास बांध बना है। इस बांध के पानी में बीती रात भारी ईजाफा हो गया। यूं तो शाम 6 बजे से थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया था, मगर देर रात करीब 12 बजे अधिक मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा।
रात 2 बजे तक भारी मात्रा में पानी छोड़ने का सिलसिला जारी रहा। इस कारण इसी नदी पर आगे बने पंडोह डैम के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई और वहां से भी प्रबंधन को पानी छोड़ना पड़ा। अभी लारजी डैम के तीन गेट खोले गए हैं। वहां से 1500 क्यमेक पानी छोड़ा जा रहा है। इतना ही पानी पंडोह डैम से भी छोड़ा जा रहा है। वहीं लारजी डैम में सिल्ट की मात्रा बढ़ जाने के कारण बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप्प हो गया है। आज सुबह 4 बजे बिजली उत्पादन रोकना पड़ा क्योंकि सिल्ट की मात्रा 2700 पीपीएम तक पहुंच गई थी।
जब यह मात्रा 2000 पीपीएम से कम होगी तभी बिजली उत्पादन संभव हो सकेगा। इसमें अभी थोड़ा समय लग सकता है। वहीं प्रशासन ने मंडी और कांगड़ा जिलों के उन स्थानों पर अलर्ट जारी कर दिया है, जो ब्यास नदी के तट पर हैं। प्रशासन ने लोगों से नदी नालों से दूर रहने की अपील की है। लारजी डैम के एक्सईएन सुनील कुमार ने बताया कि जलस्तर बढ़ने के कारण लारजी डैम से पानी छोड़ा गया है। सिल्ट की मात्रा बढ़ने के कारण बिजली उत्पादन फिलहाल बंद कर दिया गया है।
वहीं पंडोह स्थित बीबीएमबी के एक्सईएन राजेश हांडा ने बताया कि लारजी डैम से पानी छोड़ने के कारण पंडोह डैम पर अतिरिक्त दबाव पड़ा था जिसके चलते यहां से पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है। इन्होंने लोगों से ब्यास नदी के तट पर न जाने का आहवान किया है।