नितेश सैनी/सुंदरनगर
बाबा चमन गिरी व महात्मा राजगिरी का कहना है कि कांगड़ा के बाद मंडी दूसरा बड़ा जिला है, जिसे छोटी काशी का दर्जा भी हासिल है। 10 विधानसभा क्षेत्रों में हजारों देवी-देवता के पावन मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे व चर्च के इलावा मोनेस्ट्री हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों के रखरखाव सौंदर्यकरण एवं संस्कृति समृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर और मंदिरों के सौंदर्यकरण को लेकर जहां धार्मिक स्थल स्थित है।
वहां पर संत, महंत, पुजारी, महात्मा व स्वामी, बाबा जनता के कल्याण के लिए दिन रात जुटे हुए हैं। उनको आज दिन तक प्रदेश सरकार द्वारा कोई सरकारी सुविधा नहीं दी गई है। इस वर्ग को समाज में अछूता रखा गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि विचाराधीन जो बोर्ड और निगम है, जिनका गठन किया जाना है, उनमें इस बिरादरी के लोगों की ताजपोशियां की जाएं, ताकि उनके अनुभव का फायदा प्रदेश सरकार उठा सकें।
पूर्व जिला परिषद सदस्य चमन राही के नेतृत्व में बाबा चमन गिरी, महात्मा राजगिरी ने सरकार से इस मांग पर विचार करने को कहा है। महात्मा चमन गिरी ने बताया कि इस संदर्भ में शीघ्र ही एक बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें चर्चा की जाएगी।