वी कुमार/मंडी
हिमाचल महिला रक्षा कल्याण संघ की मंडी इकाई हर बार देश की सरहदों पर तैनात फौजी भाईयों के लिए तीन रंगों के धागे से बनी राखियां अपने हाथों से बना कर भेजती रहीं हैं। मगर इस बार महिला रक्षा कल्याण संघ मंडी की 6 महिलाओं ने खुद सरहदों पर जा कर फौजी भाईयों को राखी बांधने का फैसला लिया।
इसी के चलते ये महिलाएं 25 अगस्त को मंडी से राजौरी के लिए निकली और वहां पर कल्सिया बार्डर और रूमलीधार में देश की रक्षा में दिन रात लगे फौजी भाईयों को राखी बांधी। 28 अगस्त को महिला रक्षा कल्याण संघ की महिलाएं वापिस मंडी पहुंची, जहां पर उनका स्वागत किया गया।
इस मौके पर बार्डर पर राखी पहनाने गई हिमाचल महिला रक्षा कल्याण संघ की जिला प्रधान आशा ठाकुर ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि जब वे राजौरी पंहुचे तो भारतीय सेना के द्वारा उनका स्वागत किया गया और उनके रहने ठहरने की व्यवस्था की भारतीय सेना ने ही की।
आशा ने बताया कि फिर उन्हे 26 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन पुरी सुरक्षा के साथ कल्सिया बार्डर पर ले जाया गया। कल्सिया बार्डर पर उन्होने गोरखा रेजिमेंट के फौजी भाईयों की कलाई पर राखी बांधी। साथ ही कल्सिया में इन्होने भारतीय सेना के जवानों के साथ हिमाचल से ले जाए गए देवदार को पौधे भी लगाए। आशा ठाकुर ने बताया कि उसके बाद उन्होंने रूमली धार में भी पंजाब 19 के जवानों को राखी बांधी और उन्हे यही संदेश देने का प्रयास किया की पुरा देश भारतीय सेना के साथ है।
आशा ठाकुर ने बताया कि जब उनके साथ गई महिलायें फौजी भाईयों को राखी बांध रहीं थी तो जवानों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। आशा ठाकुर ने बताया कि भारतीय सेना के जवानों ने कहा कि यह पहला मौका है जब सरहदों पर उन्हे किसी ने रक्षा बंधन पहनाया हो।
आशा ठाकुर ने कहा कि यह पहला मौका था जब वे सरहदों पर फौजी भाईयों को राखी पहनाने गई हैं। अगर उन्हे दोबारा मौका मिलेगा तो वे इस कार्य में अवश्य अपनी सहभागिता निभाएंगी।