एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
कारगिल युद्ध को हुए करीब 19 वर्ष बीत चुके हैं। परंतु कारगिल युद्ध के दिन आज भी भुलाए नहीं जाते हैं। प्रदेश व देशवासियों के मन में यही सवाल उठता है कि युद्ध केवल बर्बादी का एक मंजर है जो अपने पीछे सिर्फ यादों को छोड़कर जाता है। भारत-पाक के बीच 1999 में हुए कारगिल युद्ध में हिमाचल प्रदेश के 52 वीर जवान देश की रक्षा करते हुए कारगिल व द्रास की बर्फीली पहाडिय़ों में वीरगति को प्राप्त हुए थे।
इन 52 वीर जवानों में से सबसे ज्यादा वीर भूमि कहलाने वाले जिला हमीरपुर से 8 जवान शहीद हुए थे। हिमाचल के सपूतों ने इस जंग में भी पाकिस्तान को छटी का दूध याद दिला दिया था। उन्होंने युद्ध भूमि में जो इतिहास रचा, वह सेना की उपलब्धियों में हमेशा सर्वोच्च स्थान पर रहेगा। हिमाचलियों के हौंसले के आगे पाक सेना के हाथ खड़े हो गए थे। देश ने कारगिल को फतह कर लिया। मां की हिफाजत को हिमाचल के 52 वीर सपूत कुर्बान हो गए।
पहाड़ के सीने पर नाज के सितारे सजाने वाले इन वीर जांबाजों ने 19 साल पहले इन्हीं दिनों हंसते-हंसते शहादत का जाम पिया था। उस पर देश व प्रदेश उन्हें सलाम कर रहा है। वर्ष 1999 में हुआ ऑपरेशन कारगिल हिमाचल के उन सपूतों के नाम रहा, जिन पर आज भी भारतीय सेना के साथ पूरे देश व प्रदेश को नाज है। कैप्टन विक्रम बतरा, लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया, कैप्टन अमोल कालिया, ऊधम सिंह, अश्विनी कुमार, श्याम सिंह, कश्मीर सिंह, डोला राम ऐसे जांबाज साबित हुए। इन्होने कारगिल युद्ध को देश के पक्ष में निर्णायक बना दिया।
हालांकि टाइगर हिल से पाक सेना ऊंची पहाडिय़ों से भारतीय सेना पर भारी पडऩे का पूरा प्रयास कर रही थी। मगर हिमाचल के 52 सपूतों ने जिस साहस का परिचय देते हुए वहां तिरंगा फहराया। उनकी याद में इस दिन हर वर्ष मेले लगते रहेंगे। कारगिल युद्ध के दौरान प्रदेश के जांबाजों की फेहरिस्त में जिन योद्धाओं ने विशेष सम्मान हासिल किया।
उनमें जिला कांगड़ा के परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बतरा, बिलासपुर से वीर चक्र विजेता हवलदार ऊधम सिंह, सेना मेडल विजेता नायक अश्विनी कुमार, ऊना से वीर चक्र विजेता कैप्टन अमोल कालिया, सिरमौर से सेना मेडल विजेता कल्याण सिंह, कुल्लू से सेना मेडल विजेता हवलदार डोला राम।
शिमला से वीर चक्र विजेता रायफलमैन श्याम सिंह और हमीरपुर से वीर चक्र विजेता कश्मीर सिंह शामिल थे। कारगिल दिवस के दौरान हिमाचली जांबाजों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों को छटी का दूध याद दिला दिया। इन वीरों की शहादत को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
नागरिकों ने भी बढ़ाया था हौसला….
कारगिल युद्ध के दौरान जब सेना के जवान लाहौल होते हुए लद्दाख की तरफ जा रहे थे। तो एनएच-21 के पूरे रास्ते में माताओं, बहनों, युवाओं व बुजुर्गों ने उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जो स्वागत किया। वह भी हमेशा याद किया जाएगा। जगह-जगह उन्हें राखियां बांधी गईं और उनकी सलामती के लिए हवन तक आयोजित किए गए।
दो परमवीर चक्र हिमाचल के नाम….
कारगिल विजय ऑपरेशन में चार जवानों को सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा गया था। जिनमें से दो परमवीर चक्र हिमाचल के कैप्टन विक्रम बतरा व हवलदार संजय कुमार को मिला है। इन वीरों की शहादत पर हमेशा नाज रहेगा।
प्रदेश के इन वीर सपूतों ने पिया शहादत का जाम….
शिमला: ग्रेनेडियर यशवंत सिंह केवली तहसील रोहड़ू, रायफलमैन श्याम सिंह वीर चक्र विजेता गांव कलारा चौपाल, ग्रेनेडियर रमेश कुमार गांव मूलभज्जी सुन्न व ग्रेनेडियर अनंत राम सुन्नी।
मंडी
कैप्टन दीपक गुलेरिया गांव चोल्थरा सरकाघाट, हवलदार खेमचंद राणा गांव तांदु मंडी, हवलदार कृष्ण चंद मोहल्ला रामनगर मंडी, नायक सरवन कुमार गांव अलबियानी रिवालसर, सिपाही टेक सिंह मस्ताना एवं गांव सयान मंडी, सिपाही राजेश कुमार गांव धनोटू तहसील सुंदरनगर, सिपाही नरेश कुमार गांव धनेश्वरी सुंदरनगर, सिपाही हीरा सिंह गांव झाल मंडी, ग्रेनेडियर पूर्ण चंद गांव दरान गोहर, लायंस हवलदार गुरदास सिंह गांव चलखी मंडी।
हमीरपुर
हलवदार कश्मीर सिंह वीर चक्र विजेता गांव व डाकघर ऊहल तहसील हमीरपुर, हवलदार राजकुमार गांव बगलू सुजानपुर, सिपाही दिनेश कुमार गांव अंदराल हमीरपुर, हवलदार स्वामी दास चंदेल गांव समलेहरा भोरंज, सिपाही राकेश कुमार गांव पलाही सुजानपुर, रायफलमैन प्रवीन कुमार गांव सुनाहनी बड़सर, रायफलमैन सुनील कुमार गांव तनयांकर हमीरपुर, रायफलमैन दीपचंद गांव एवं डाकघर सरोटी तहसील बड़सर।
कांगड़ा
कैप्टन विक्रम बतरा परमवीर च्रक पालमपुर, लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया पालमपुर, ग्रेनेडियर राजिंद्र सिंह गांव नंदलू देहरा, रायफलमैन राकेश कुमार लंबापट्ट गोपालपुर पालमपुर, लांस नायक वीर सिंह गांव बलदोआ जवाली,रायफलमैन सुनील जंग मेहत गांव खनियारा धर्मशाला, सिपाही लखवीर सिंह गांव दुधार नुरपुर, नायक ब्रह्मदास टांडा नगरोटा बगवां, रायफलमैन जगजीत सिंह गांव कोट पलारी डाकघर नुरपुर, सिपाही संतोख सिंह गांव जटोली नूरपुर, हवलदार सुरिंद्र सिंह गांव धन जवाली, लायंस नायक पदम सिंह गांव भारूई नूरपुर, ग्रेनेडियर सुरजीत सिंह गांव लोअर सुनेहट देहरा, ग्रेनेडियर योगिंद्र सिंह गांव अंब पठियार ज्वालामुखी।
बिलासपुर
हवलदार ऊधम सिंह वीर चक्र विजेता गांव चेरी घुमारवीं, नायक मंगल सिंह गांव कोठी झंडूता, रायफलमैन विजय पाल नसवाल घुमारवीं, हवलदार राजकुमार गांव कसधान घुमारवीं, नायक अश्विनी कुमार सेना मेडल विजेता झंडूता, नायक मस्तराम घुमारवीं।
ऊना
चक्र विजेता कैप्टन अमोल कालिया गांव चिंतपूर्णी तहसील अंब, रायफलमैन मनोहर लाल ठाकुर हरोली।
चंबा
सिपाही खेमराज गांव गोला तहसील भटियात।
सोलन
सिपाही धर्मेंद्र सिंह गांव बुघार कसौल, रायफलमैन प्रदीप कुमार गांव पंडाल नालागढ़।
सिरमौर
रायफलमैन कुलविंद्र चौहान गांव डोईवाला पांवटा साहिब, रायफलमैन कल्याण सिंह सेना मेडल विजेता शिलाई।
कुल्लू
हवलदार डोलाराम सेना मेडल विजेता गांव सकरोली निरमंड।