अभिषेक मिश्रा / बिलासपुर
उतरी भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल एवं महाऋषि मार्कंडेय की तपोभूमि मार्कंडेय मंदिर में आजकल अव्यवस्थाओ की भरमार है। मार्कंडेय के स्थानीय लोगो ने बताया कि इस मंदिर का रखरखाव स्थानीय कमेटी करती थी परन्तु एक वर्ष पूर्व सरकार ने इस मंदिर को अपने अधीन ले लिया है । जिसके बाद से इस मंदिर की दिनप्रतिदिन हालत खस्ता होती जा रही है। उन्होंने बताया कि इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु यहाँ पर पूजा से पहले श्री मार्कंडेय जी का पवित्र स्नान करते है। परन्तु इस समय स्नानागार में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। स्थानीय लोगो ने बताया कि एक तरफ पुरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चला हुआ है और हर जगह साफ़ सफाई की जा रही, परन्तु यहाँ पर स्वच्छ भारत को सरेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है।
इस तरफ कोई ध्यान नही दे रहा है। कई दिनों से स्नानागार में ब्लीचिंग पाउडर का छिडकाव नही हुआ है । जिसकी वजह से इन स्नानागार की हालत काफी दयनीय हो चुकी है । इसके अलावा शोचालय में भी साफ़ सफाई नही हो रही है । उनमे भयंकर दुर्गन्ध फैली हुई है जिसकी वजह से यहाँ पर आने वाले श्रधालुओ को शोच इत्यादि जाने में भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । मंदिर परिसर से कूड़ा करकट उठाने के लिए जो गाडी की व्यवस्था की गई थी । वह भी सुचारू रूप से काम नही कर रही है । कई दिनों तक इस कूड़े को उठाया नही जा रहा है । जिसकी वजह से भारी दुर्गन्ध फैली हुई है और बन्दर भी इस कूड़े को वहाँ से निकाल कर मंदिर परिसर में फैला रहे है ।
गौरतलब है कि मार्कंडेय देवता को स्थानीय लोग अपनी हर फसल का कुछ हिस्सा अर्पित करते है, जो मार्कंडेय मंदिर के स्टोर रूम में रखा जाता परन्तु इसकी सही देख रेख न होने की वजह स्टोर रूम में रखा 80 फीसदी अनाज खराब हो चुका है, जो अभी तक स्टोर रूम के अन्दर ही सड रहा है। मार्कंडेय मंदिर आने जाने वाले श्रधालुओ को मंदिर आने जाने के लिए एक बस लगी थी जोकि अब काफी समय से बंद पड़ी है । यहाँ पर आने वाले श्रधालुओ के लिए न तो लंगर और न ही रहने की सुविधा प्रशासन द्वारा दी जा रही है, जो पहले मंदिर कमेटी द्वारा दी जाती थी । इस वजह से यहाँ आने वाले श्रधालुओ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । मंदिर का निर्माण पर्यटन विभाग कर रहा है, उसमे भी गुणवता का ध्यान नही रखा जा रहा है। यहाँ पर काम कर रहे ठेकेदार को कोई भी पूछने वाला नही है।
स्थानीय लोगो ने बताया की एक वर्ष से सरकार ने इस मंदिर को अपने अधीन ले रखा है तब से आज तक यहाँ पर अव्यवस्थाओ का माहौल है न तो यहाँ पर तैनात कर्मचारियों को न तो कोई पूछने वाला ह , न खुद प्रशासन एक वर्ष का कोई हिसाब दे रहा है कि इस मंदिर से कितनी आय प्राप्त हुई और कितना व्यय हुआ । इन सभी अव्यवस्थाओ को लेकर रविवार को स्थानीय लोगो ने मार्कंडेय मंदिर परिसर में एक बैठक का आयोजन किया जिसमे निर्णय लिया गया, कि क्षेत्र की सभी संस्थाओ और स्थानीय लोगो को मार्कंडेय मंदिर में बुला कर एक बैठक का आयोजन किया जायेगा और सभी समस्याओ को ध्यान में रख कर एक पत्र तैयार किया जायेगा।
जिला उपायुक्त से एक प्रतिनिधमंडल मिल कर उन्हें इन समस्याओं से अवगत करवाएगा। रविवार को संपन्न हुई बैठक में कावड संघ के प्रधान बाबू राम ठाकुर , महाशिवरात्रि जागरण एवं लंगर समिति के प्रधान अनिल ठाकुर महासचिव नरेंद्र शर्मा , दावीं घाटी मानव कल्याण सेवा संस्था के अध्यक्ष राजेश ठाकुर , रतन लाल , देव राज शर्मा , भीम ठाकुर , सदा राम ठाकुर , संजीव शर्मा , नरेश शर्मा सहित दर्जनों स्थानीय लोगो ने भाग लिया।