एमबीएम न्यूज़ /नाहन
वीरवार को शहर में एक बैल जिज्ञासा का केंद्र बिंदु बन गया, क्योंकि बैल के सींग असमान्य थे। करीब तीन फुट लंबे सींगों की मोटाई भी साधारण नहीं थी। लोगों ने नंदी बैल मानकर खूब धन वर्षा भी की। यह अलग बात है कि बैल के मालिकों की टोली ने कोई पाखंड से पैसे ऐंठने की कोशिश नहीं की। कुछ शहरवासियों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को संपर्क कर बैल के असमान्य सींगों के बारे में सवाल पूछने शुरू किए तो विशेषज्ञों से राय लेने का फैसला किया गया। जानकारी जुटाने के बाद पता चला सेंट्रल व वेस्टर्न इंडिया के कुछ हिस्सों में बैल की इस तरह की प्रजाति पाई जाती है। खासकर जहां अधिक सूखा पड़ता है, उन इलाकों में बैल की यह प्रजाति मौजूद होती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक बैल की यह प्रजाति कांकरेज है, जिसमे बैलों के सींग लंबे होते हैं, लेकिन इस बैल में एक बात यह अलग है कि इसके सींग लंबे नहीं है, लंबे होने की बजाए मोटाई में अधिक है। विशेषज्ञों का यह भी कहना था कि इस बैल को जन्मजात विसंगति है इसमें सींगों की लंबाई बढ़ने के बजाय मोटाई बढ़ गई।
किन्नौर में पशुपालन विभाग के उप निदेशक के पद पर तैनात डॉक्टर नवीन ने अन्य विशेषज्ञों से संपर्क करने के बाद खुलकर यह बात कहीं कि यह प्रजाति कांकरेज है, जिसमें बैलों के सींगों की लंबाई काफी होती है, लेकिन इस बैल के सींगों की लंबाई बढ़ने के बजाय मोटाई बढ़ी है। बहरहाल आस्थाओ के मुताबिक असमान्य बैल को नंदी पारिभाषित किया जाता है, जिसे भगवान शिव का वाहन कहा जाता है।
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