एमबीएम न्यूज़ / शिमला
कोटखाई के बहुचर्चित गुडिया दुष्कर्म व हत्या मामले में गिरफतार हत्यारोपी अनिल उर्फ नीलू (चिरानी) की न्यायिक हिरासत एक बार फिर बढ़ गई है। सीबीआई द्वारा गिरफतार आरोपी की न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद सोमवार को अदालत में पेश किया गया ।
अदालत ने आरोपी को फिर 14 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गुरूवार को भी सुनवाई के दौरान आरोपी के पक्ष में कोर्ट में किसी वकील ने पैरवी नहीं की। अदालत में आरोपी व्यक्तिगत रूप से पेश हुआ। इससे पहले आरोपी को बीते 7 जून को अदालत में पेश किया गया था। सीबीआई ने बीते 13 अप्रैल को आरोपी को शिमला जिले के हाटकोटी क्षेत्र से गिरफतार किया था। सीबीआई का दावा है कि आरोपी ने दुष्कर्म के बाद गुडिया को बर्बरता से मौत के घाट उतारा था।
आरोपी की गिरफतारी के पीछे सीबीआई डीएनए व फॉरेंसिक जांच रिपोर्टों का हवाला दिया था। सीबीआई के मुताबिक डीएनए प्रोफाइलिंग की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी के डीएनए का घटना स्थल तथा शव से बरामद डीएनए सामग्री से सौ प्रतिशत मिलान हुआ है और इसी के बाद ही जांच एजैंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि गुडिया का असली कातिल पकड़ा गया आरोपी ही है। आरोपी के खिलाफ सीबीआई बीते 29 मई को हाईकोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और मामले पर आगामी सुनवाई 27 जून को होगी।
यहां बताते चले कि बीते वर्ष छह जुलाई को गुडिया का शव कोटखाई के जंगल में बरामद हुआ था। दसवीं कक्षा की छात्रा गुडिया कोटखाई के एक सरकारी स्कूल में पढ़ती थी और चार जुलाई को अचानक लापता हो गई थी। पोस्टमार्टम व बिसरा रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दुष्कर्म के बाद गुडिया को जघन्य तरीके से मौत के घाट उतारा गया है। 19 जुलाई 2017 को हिमाचल हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस केस की जांच के आदेश दिए थे।
Latest
- ऊना : ट्रैक्टर की चपेट में आने से 6 वर्षीय मासूम की मौत
- धर्मशाला : 22 मई को दाड़ी फीडर के तहत बिजली बंद
- हिमाचल के कुफरी में सैलानी ले रहे “काफल” के चटकारे, औषधीय गुणों से भरपूर
- साइकिल एक्सपीडीशन टशीगंग में संपन्न, 100 फीसदी मतदान का आश्वासन
- शिमला में पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की मीटिंग, JCC की बैठक बुलाने की मांग