एमबीएम न्यूज़/शिमला
पूरे प्रदेश में शनिवार को सरकारी स्कूलों में बाल सभा के पुराने दिन लौट आए। फर्क सिर्फ इतना है कि आज से 25 साल पहले हाफ टाइम के बाद बाल सभाएं होती थी। अब सरकार के नए फरमान से दिनभर स्कूलो में छात्र बिना बैग लिए आए।
अकेडमिक पढाई की जगह छात्र सुबह से क्विज़, समूह गान, ड्राइंग एंड पेंटिंग कॉम्पिटिशन, भाषण प्रतियोगिता व वाद विवाद प्रतियोगिताएं में हिस्सा लेते दिखे। एमबीएम के प्रतिनिधियों ने जब प्रदेश के कई जिला मुख्यालयों में स्थित स्कूलो का दौरा किया तो छात्र तो छात्र अध्यापक भी इस फरमान से काफी खुश नजर आए।
एक बोरिंग शेड्यूल से बाहर निकल कर कई बहुमुखी प्रतिभा के धनी छात्र व अध्यापक अपनी प्रतिभा से न्याय करते दिखे। यहां तक कि सुबह समय कई स्कूलो के प्रिंसिपल अपने ऑफिस से बाहर निकल कर छात्रों के साथ नई गतिविधियों में आनंद लेते दिखाई दिए। अधिकतर ने तो दोपहर के बाद ही ऑफिस संबंधी कामकाज निपटाने को वरीयता दी।
नाहन के दो प्रमुख सरकारी स्कूलों शमशेर बॉयज व गर्ल्स नाहन में उत्सव सा माहौल था। अधिकतर छात्र सुबह की प्रार्थना के बाद इन प्रतियोगिताओ में भाग लेकर काफी रिलैक्स दिखे। हालांकि दूरदराज के कई छात्र अपने साथ बैग लेकर आए। ये छात्र +1 व 2 के थे। उनका कहना था कि वह गांव से शहर में पढ़ने आते है। क्योंकि उन्हें मिड डे मील नहीं मिलता, इसलिए लंच लाना भी जरुरी था।
छात्र सरकार के इस निर्णय से बेहद खुश नजर आए।