वी कुमार/मंडी
सीबीआई द्वारा 15 दिसंबर 2017 को दर्ज की गई एफआईआर मामले में एएसआई रामलाल ठाकुर को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। यह जमानत न्यायधीश चंद्रभूषण बरोवालिया की अदालत ने रामलाल ठाकुर के पुराने रिकार्ड को देखते हुए दी। बीती 22 मई को हाईकोर्ट शिमला में रामलाल ठाकुर की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई।
अधिवक्ता पीयूष वर्मा ने अदालत में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा और रामलाल ठाकुर द्वारा चरस तस्करों के खिलाफ किए गए कार्यों का हवाला दिया। बता दें कि रामलाल ठाकुर के नाम प्रदेश में सबसे ज्यादा चरस तस्करों को पकड़ने का रिकार्ड है। इसके लिए पुलिस विभाग और सरकारों की तरफ से कई बार रामलाल को सम्मानित भी किया जा चुका है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए न्यायधीश चंद्रभूषण बरोवालिया ने रामलाल को जमानत दे दी। इसके लिए रामलाल ने 50 हजार का निजी मुचलका भरा और कोर्ट को आश्वस्त किया कि वो जांच के दौरान सीबीआई को पूरा सहयोग करेंगे।
ये है पूरा मामला
23 जनवरी 2016 को एसआई जयलाल ने रवि कुमार और रोशन को 1 किलो 207 ग्राम चरस के साथ सुक्कीबाईं के पास पकड़ा। इनमें से आरोपी रवि कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई कि इन्हें इस मामले में जबरन फंसाया जा रहा है। इस याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपा।
15 दिसंबर 2017 को सीबीआई ने इस मामले में एसआई जयलाल, एएसआई रामलाल ठाकुर, कांस्टेबल प्रदीप कुमार, हरियाणा के जिंद निवासी मंजीत और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोपी रवि कुमार इससे पहले भी 15 किलो चरस के साथ पकड़ा गया था, जिसमें इसे सजा हुई थी।
अभी इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कर रही है और मामले की तह तक जाने का प्रयास हो रहा है।