एमबीएम न्यूज़/शिमला
कोटखाई के बहुचर्चित गुड़िया प्रकरण से जुड़े सूरज लाॅकअप हत्या केस में जेल में बंद नौ पुलिस वालों की न्यायिक हिरासत 29 मई तक के लिए बढ़ गई है। इन आरोपियों की न्यायिक हिरासत गुरुवार को खत्म हो गई थी और इन्हें जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक बार फिर छह दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश मिले।
आरोपियों में आईपीएस अधिकारी हिमाचल पुलिस के पूर्व आईजी एच जहूर जैदी और एचपीएस अधिकारी पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी और पूर्व डीएसपी मनोज जोशी शामिल हैं। अस्पताल में उपचाराधीन होने के कारण मनोज जोशी को आज अदालत में पेश नहीं किया गया।
अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपियों ने काल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की रिपोर्ट पर सवाल उठाए और कहा कि सीबीआई की ओर से दो बार सीडीआर की रिपोर्ट दी गई है, जिसमे एक रिपोर्ट में मोबाइल टावर लोकेशन को दर्शाया गया है, जबकि दूसरी सीडीआर रिपोर्ट में लोकेशन नहीं दिखाई गई है। आरोपी एसआईटी ने सीबीआई से इस पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
न्यायाधीश ने आरोपियों की हिरासत अवधि को बढ़ाते हुए मामले की सुनवाई 29 मई को तय की है।
दरअसल आरोपी पुलिस कर्मचारियों ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड लेने के लिए अदालत में अर्जी लगाई थी। जिस पर कोर्ट ने सीबीआई को सीडीआर देने के निर्देश दिए थे।
गौरतलब है कि पुलिस ने 6 जुलाई 2017 को शिमला जिले के कोटखाई के जंगल से गुड़िया का शव बरामद किया। जांच में सामने आया कि गैंगरेप के उपरांत गुड़िया की जघन्य तरीके से हत्या की गई। इस मामले में 12 जुलाई को पुलिस की एसआईटी ने सूरज सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 18 जुलाई को कोटखाई थाने के लॉकअप में सूरज की हत्या कर दी गई।
सीबीआई ने गुड़िया और सुरज हत्या मामलों की तफ्तीश शुरू की और 29 अगस्त को पूर्व आईजी जहूर जैदी सहित 8 पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया। जबकि शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को 16 नवंबर को हिरासत में लिया गया था। इन सभी पुलिस वालों पर सूरज की हत्या करने, हत्या का षड्यंत्र रचने और सबूत मिटाने का आरोप है।