एमबीएम न्यूज़ / कुल्लू
उपायुक्त यूनुस ने कहा है कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर और सांस्कृतिक व धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला के अनछुए क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों से हटकर जिले के दूरदराज क्षेत्रों में ऐसे स्थानों को चिह्नित किया जाएगा और उन्हें अलग-अलग समूहों में छोटी-छोटी पर्यटन सर्किटों के रूप में विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
उपायुक्त यूनुस ने कहा है कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर और सांस्कृतिक व धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला के अनछुए क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों से हटकर जिले के दूरदराज क्षेत्रों में ऐसे स्थानों को चिह्नित किया जाएगा और उन्हें अलग-अलग समूहों में छोटी-छोटी पर्यटन सर्किटों के रूप में विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
सोमवार को भाषा एवं संस्कृति विभाग की सांस्कृतिक परिधि योजना ‘आज पुरानी राहों से’ के कार्यान्वयन को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा लोक संस्कृति के संरक्षण से जुड़े प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिला में अभी भी ऐसे कई अनछुए स्थान हैं, जिन्हें पर्यटन मानचित्र पर उभारा जा सकता है। प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ जिला में सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के भी कई ऐसे स्थान हैं। जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। ऐसे स्थानों को सांस्कृतिक परिधि योजना ‘आज पुरानी राहों से’ के माध्यम से विकसित करने के लिए एक व्यापक खाका तैयार किया जा रहा है।
इसमें भाषा एवं सस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग और अन्य विभागों के अलावा जिला के प्रबुद्धजनों के सुझाव भी लिए जा रहे हैं। उपायुक्त ने भाषा एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों को जिला के प्रत्येक ब्लाॅक में ऐसे स्थानों को चिह्नित करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि सांस्कृतिक परिधि योजना ‘आज पुरानी राहों से’ के अलावा जिला प्रशासन भी पर्यटन विभाग की मदद से जिला में नए पर्यटक स्थल विकसित करने की पहल करेगा।
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया ने ‘आज पुरानी राहों से’ योजना का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीसी नेगी, भाषा अकादमी के सदस्य डा. सूरत ठाकुर, सत्यपाल भटनागर, हीरा लाल ठाकुर, प्रभुदयाल, रंगकर्मी केहर सिंह और पेंटर दीप धनंजय ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया ने ‘आज पुरानी राहों से’ योजना का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीसी नेगी, भाषा अकादमी के सदस्य डा. सूरत ठाकुर, सत्यपाल भटनागर, हीरा लाल ठाकुर, प्रभुदयाल, रंगकर्मी केहर सिंह और पेंटर दीप धनंजय ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।