एमबीएम न्यूज/शिमला
सूबे के किसान मिर्ची पाउडर व ईंजन ऑयल के मिश्रण से बंदरों के आतंक से फसलों को बचा सकते हैं। हालांकि अब चर्चा में बैंगलोर से विशेषज्ञों का एक आईडिया आया है। लेकिन ऊना के डीएफओ यशुदीप कुछ महीने पहले इसका प्रयोग भी कर चुके हैं। बहरहाल आए आईडिया के मुताबिक मिर्च पाउडर को ईंजन ऑयल में मिलाकर इसकी स्प्रे फसलों में कर दी जाए तो इससे फसलों को नुक्सान भी नहीं होता। साथ ही 50 फीसदी सुरक्षा भी हो जाएगी।
आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बंदरों की आबादी 2 लाख 7 हजार के आसपास 2015 तक थी। ऊना में फसलों पर नीलगाय के आतंक को लेकर प्रयोग सफल रह चुका है। केलीफोर्निया के प्राइमेट रिसर्च सैंटर के विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि कचरे के ढेर के कारण भी बंदर पहुंचते हैं। 2013 की तुलना में अब बंदरों की जनसंख्या में गिरावट भी हुई है। 2013 में 2 लाख 36 हजार बंदरों के अलावा 18 हजार लंगूर रिपोर्ट हुए थे। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बंदर हर साल 184 करोड़ की फसलों को तबाह कर देते हैं।फलों के नुक्सान का आंकड़ा अलग से 150 करोड़ का है।
विभाग का दावा है कि बंदरों की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए जाते हैं। नसबंदी के अलावा जंगलों में ठिकाने बनाए जा रहे हैं। साथ ही वर्मिन घोषित करने के भी प्रयास चल रहे हैं। कुल मिलाकर आने वाले वक्त में यही देखना होगा कि सूबे के किसान एक साधारण से फार्मूले को अपनाकर किस हद तक बंदरों की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।