एमबीएम न्यूज/नाहन
हालांकि गर्मियां शुरू होते ही पेयजल संकट की बात बड़ी नहीं है। बेशक ही आईपीएच विभाग पहले से ही तैयारी के दावे करता हो, लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ और ही होती है। सोमवार को दो मामले ऐसे आए हैं, जिस पर विभाग को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।
नाहन खंड के त्रिलोकपुर में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत अधीक्षक बनारसी दास के घर पर हर कोई उस वक्त दहशत में आ गया, जब पानी के नल से एक लंबा सांपनुमा जीव बाल्टी में गिरा। हालांकि परिवार इसे सांप का सपोला बता रहा है, लेकिन असल बात जांच के बाद ही सामने आ सकती है। यह अलग बात है कि आईपीएच विभाग अमूमन कभी भी यह मानने को तैयार नहीं होता कि पेयजल की लाइन में सपोला दाखिल हो सकता है।
कुछ महीने पहले सैनधार क्षेत्र से भी इस तरह की शिकायत आई थी, जिसे बाद में विभाग ने खारिज कर दिया था। उधर धारटीधार की कांडो कांसर पंचायत में मैहत गांव के लोग पांच दिन से करीब डेढ़ किलोमीटर की चढ़ाई चढ़ कर घरों तक पानी पहुंचा रहे हैं। रात के वक्त भी छोटे-छोटे बच्चे तक अपनी स्कूल बॉटल्स को उठाकर पानी ढो रहे हैं। इसकी तस्दीक लोगों द्वारा भेजी गई तस्वीरें कर रही हैं।
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गांव के रहने वाले राजन कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले आसमानी बिजली गिरने के कारण ट्रांसफार्मर जल गया था, लेकिन विभाग ने इसे दुरुस्त करवाने के लिए अब तक कोई जहमत नहीं उठाई है। ट्रांसफार्मर ठप होने के कारण पेयजल योजना बंद पड़ी है। हालांकि विभाग का पक्ष नहीं मिला है, लेकिन इतना जरूर है कि आईपीएच विभाग ट्रांसफार्मर के जलने का ठीकरा बिजली बोर्ड पर तोड़ सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि नया ट्रांसफार्मर लगाने के लिए प्रयास ही शुरू नहीं किए गए हैं।