एमबीएम न्यूज़ / शिमला
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री किशन कपूर ने कहा है कि केंद्र से प्रदेश को मिलने वाला कैरोसीन कोटा बेहद कम है और केंद्र सरकार से इसे बढ़ाने की पैरवी की जाएगी। आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में किशन कपूर ने कहा कि हिमाचल को सालाना 5411 किलोलीटर कैरोसीन मिलता था, जो कि पिछले सरकार के कार्यकाल में घटाकर 1208 किलोलीटर किया गया है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और जरूरतों को देखते हुए कैरोसीन का यह कोटा काफी कम है और इसे बढ़ाने के लिए वह केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री से आग्रह करेंगे।
उन्होंने कहा कि उचित मूल्यों की दुकानों में पतंजलि उत्पाद उपलब्ध करवाने की विभाग की योजना है और स्वामी रामदेव से इसे अंतिम रूप देने के लिए समय मांगा गया है। रामदेव के साथ बैठक में डिपुओं को मिलने वाले सामान की कीमतों व गुणवता व अन्य शर्तों पर चर्चा होगी। विभाग का प्रयास रहेगा कि डिपुओं में कम दाम पर पतंजलि के गुणवता युक्त उत्पाद उपलब्ध हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि गेहूं का आटा पतंजलि से नहीं खरीदा जाएगा।
मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए 89 फीसदी राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ा जा चुका है और अब विभाग ने एक मोबाइल एप्प विकसित किया है, जिसके माध्यम से लोग अपने एंडरायड मोबाइल पर डिजिटल राशन को खोल सकते हैं। ऐप के माध्यम से उपभोक्ता खाद्यान्न संबंधी पात्रता, कार्ड घारकों की सदस्यता का पता घर बैठे ही कर सकते हैं। इस ऐप से राशनकार्ड धारक अपना राशन कार्ड मोबाईल पर सेव कर सकते हैं तथा इसके माध्यम से वह राशन भी ले सकते हैं। खास बात यह है कि इस एप्प के माध्यम से लोग डिपुओं में मिलने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवता को लेकर अपनी फीडबैक व शिकायत भी कर सकते हैं।
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के आग्रह पर सरकार का कोई भी कैबिनेट मंत्री राशन कार्ड की सब्सिडी नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि डिपुओं में गुणवता युक्त राशन उपल्ध करवाने पर विभाग विशेष ध्यान दे रहा है और उपभोक्ताओं को समय पर डिपुओं से खाद्य उत्पाद मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक अनूठी हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी परिवारों की गृहिणियों को गैस कनेक्शन दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें एक मुश्त धनराशि भी उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने बजट में 12 करोड़ रुपये का भी प्रावधान किया है। इस योजना का लाभ ऐसी गृहणियों को होगा जो कि अभी तक गैस कनेक्शन से अछूते हैं।
इस योजना से जहां प्रदेश के पर्यावरण को संरक्षण मिलेगा वहीं वनों के कटान पर लगाम लगने के साथ-साथ धुंआ रहित इंधन भी उपलब्ध होगा। साथ ही गृहणियों पर धुंए से पडने वाले प्रभावों से भी निजात मिलेगी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 100 दिन के निर्धारित लक्ष्यों में से अधिकतर को पूरा कर लिया गया है।