एमबीएम न्यूज/शिमला
सीबीआई ने बहुचर्चित मामले में किसे गिरफ्तार किया है, इस बात पर एक अरसे से सस्पेंस चल रहा है। 25 अप्रैल को स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपने से पहले ऐसी खबर आ रही है कि सीबीआई आरोपी को लेकर पहले शिमला कार्यालय पहुंची। इसके बाद जंगल में आरोपी की निशानदेही पर खाक छान रही है।
ऐसी जानकारी है कि सीबीआई आरोपी को उस जगह पर लेकर गई है, जहां पर गुडिय़ा का शव बरामद हुआ था। फिलहाल सीबीआई आरोपी की पहचान को लेकर पत्ते खोलने को तैयार नहीं है, लेकिन मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो आरोपी मंडी जिला का रहने वाला है, जो पेशे से चरानी है। सनद रहे कि चरानियों का पेशा जंगलों की लकडिय़ां काटने का रहता है। चूंकि मामला बेहद संवेदनशील है, लिहाजा हलाइला के जंगल में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है।
लोगों को जब इस बात की सूचना मिली कि सीबीआई आरोपी को लेकर मौके पर पहुंच रही है तो काफी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। यह कोई बड़ी बात नहीं है कि आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या सीबीआई का शिकंजा गुडिय़ा के हत्यारे के गिरेबान तक जा पहुंचा है या नहीं। दरअसल हिमाचल पुलिस ने भी यही दावा किया था कि जिन्हें गिरफ्तार किया था, उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
सीबीआई की इस गिरफ्तारी से यह भी साफ हो गया है कि यह आरोपी उनमें से नहीं है, जिनकी तस्वीरें उस वक्त के मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर अपलोड हुई थी। अगर सीबीआई ने सही गिरफ्तारी की है तो निश्चित तौर पर हिमाचल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों को क्लीन चिट मिल जाएगी। सनद रहे कि चरानी का पेशा रसूखदार नहीं करते हैं। यह एक तरह से मजदूरों द्वारा किया जाने वाला पेशा है। इतना जरूर है कि लकडिय़ों का काटने व ढुलान का कोई रसूखदार ठेकेदार हो सकता है।
अंतिम समाचार के मुताबिक सीबीआई की टीम आरोपी को लेकर वापस शिमला पहुंच चुकी है। 25 अप्रैल को आरोपी की रिमांड अवधि समाप्त हो रही है।