एमबीएम न्यूज / नाहन
सिरमौर के 10 आदर्श स्कूलों में स्पोर्टस सामान की सप्लाई में गोलमाल के मामले में आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। यह संकेत शिक्षा विभाग के सचिव अरुण शर्मा ने दिए हैं। हैंडीक्राफ्ट एवं हैंडलूम कॉर्पोरेशन ने नाहन की फर्म मै0 रामकुमार-ओमप्रकाश के माध्यम से स्कूलों को स्पोर्टस की 16 आइटम्स की सप्लाई की थी।
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आचार संहिता लगने से दो दिन पहले त्रिलोकपुर स्कूल को सवा 9 लाख रुपए के आसपास की सप्लाई दी गई थी। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने गोलमाल की जांच रिपोर्ट का खुलासा किया था। इसके मुताबिक 500 रुपए के बैडमिंटन रैकेट की बिलिंग 1100 रुपए तक की गई थी। इसके अलावा जांच में यह बात भी साबित हुई थी कि घटिया सामान के अलावा शॉर्ट सप्लाई भी की गई है। चूंकि कॉर्पोरेशन की जमकर किरकिरी हो रही है, लिहाजा अपनी साख बचाने की कोशिश भी कर रही है।
कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक यह कह चुके हैं कि सप्लायर के बिलों का भुगतान रोका गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कॉर्पोरेशन सप्लाई किए गए सामान को वापस लेने को भी तैयार है, लेकिन शिक्षा विभाग सहमत नहीं हो रहा है। सवाल इस बात पर भी उठ रहा था कि जब कॉर्पोरेशन स्पोर्टस के सामान का उत्पादन करती ही नहीं है तो सप्लायर कैसे बन सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि निगमों को घाटे से उबारने के मकसद से सरकार प्रोत्साहित करती है, लेकिन सरकारी खजाने को मोटा चूना लगाने की इजाजत भी नहीं होगी।
जानकार कहते हैं कि रेट कॉन्ट्रैक्ट में भी खुलकर गोलमाल की आशंका रहती है। मसलन अगर बैडमिंटन को रेट कॉन्ट्रैक्ट के तहत 500 रुपए में बेचा गया तो खुले बाजार में यही रैकेट 300 रुपए तक में मिल सकता है। उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में शिक्षा विभाग के सचिव अरुण शर्मा ने कहा कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने माना कि हैंडीक्राफ्ट व हैंडलूम कॉर्पोरेशन के एमडी को एफआईआर दर्ज करवाने को कहा गया है।
कुल मिलाकर यह तय है कि घोटाले में एफआईआर दर्ज करवाना आसान भी नहीं होगा, क्योंकि कॉर्पोरेशन कतई भी इस तरह का कदम नहीं उठाना चाहेगी। एफआईआर दर्ज होने की सूरत में कईयों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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