वी कुमार /मंडी
चार वर्षों के लंबे इंतजार के बाद जिस परिवार को अपने घर के सदस्य के जीवित होने की उम्मीद थी वो उम्मीद अवशेष घर पहुंचने के बाद पूरी तरह से टूट गई। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे जैसे ही हेमराज के मृत शरीर के अवशेषों का ताबूत घर पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। हर चेहरा मायूस था और हर आंख नम थी।
दुख इस बात का भी ज्यादा था कि किसी को भी अंतिम दर्शनों का मौका नहीं मिल सका। क्योंकि अवशेष इस हालत में नहीं थे कि उन्हें दिखाया जा सके, इसलिए ताबूत को बंद ही रखा गया और इसके साथ ही घर पर होने वाले सभी रिति-रिवाज निभाए गए। मृतक हेमराज की पत्नी निर्मला देवी ताबूत के घर पहुंचते ही बेसुध हो गई। करीब आधे घंटे तक अवशेषों के ताबूत को घर पर रखा गया और उपरांत इसके इसे एम्बुलेंस के माध्यम से ही शमशानघाट ले जाया गया।
शमशानघाट पर मृतक हेमराज के 8 वर्षीय स्पुत्र ध्रूव ने अपने पिता की चिता का मुखाग्नि दी। यहां पूरे रिति रिवाजों के साथ हेमराज के मृत शरीर के अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रशासन की तरफ से एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान, जिला रैडक्रास सोसायटी के सचिव ओपी भाटिया और तहसीलदार सदर नरेंद्र पाल सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर सहित कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधि भी इस मौके पर उपस्थित रहे और पीडि़त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
मृतक हेमराज के परिजनों ने मांग उठाई है कि हेमराज की पत्नी निर्मला देवी को सरकारी नौकरी दी जाए, क्योंकि परिवार के पास आजीविका कमाने का अब कोई साधन नहीं बचा है। हेमराज के चाचा ने बताया कि हेमराज गांव के लोगों से पैसा उधार लेकर विदेश गया था और यह कर्जा भी अभी चुकाने को है। ऐसे में सरकार से मदद की उम्मीद है।
वहीं पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर ने सरकार से पीडि़त परिवार को और सहायता राशि देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि आम दुर्घटना पर ही सरकार चार लाख मुआवजा देती है जबकि यह आम दुर्घटना नहीं है। इसलिए पीडि़त परिवार को कम से कम 10 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।