मंडी (वी कुमार): सिंध के गांधी कहे जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी स्वामी कृष्णानंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि समारोह आर्य समाज की तरफ से आयोजित किया गया था, जिसमें नगर परिषद अध्यक्षा सुमन ठाकुर सहित शहर के बुद्धिजीवियों ने भाग लिया और स्वामी कृष्णानंद की मूर्ति पर माल्यापर्ण करके उन्हें श्रद्धांजलि दी।
1891 में जन्मे स्वामी कृष्णानंद मूलतः मंडी के रहने वाले थे। युवा अवस्था में ही वह घर-परिवार छोड़कर आजादी की जंग लड़ने के लिए चले गए। उन्होंने महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर काम किया। स्वामी कृष्णानंद ने अपना अधिकतर समय सिंध में बिताया, इसलिए उन्हें सिंध के गांधी भी कहा गया। आज भी सिंध के लोग उनके योगदान को याद करते हैं।
देश को आजादी दिलाने के बाद स्वामी कृष्णानंद 1950 में वापिस घर लौटे और सामाजिक कार्यों में अपना योगदान दिया। 1974 में उनकी मृत्यु हुई। नगर परिषद की अध्यक्षा सुमन ठाकुर ने कहा कि स्वामी कृष्णानंद समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं और उनके अमूल्य योगदान को कभी नहीं भूलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज हमें इनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।
स्वामी कृष्णानंद की भतीजी विद्यावती ने बताया कि आज शहर में जो अधिकतर संस्थाएं कार्यरत हैं उनके गठन का श्रेय स्वामी कृष्णानंद को ही जाता है। उनके प्रयासों से ही आज यह संस्थाएं समाज के उत्थान के लिए कार्य कर रही हैं।
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