कुल्लू(एमबीएम न्यूज़ ): प्रशासनिक कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर प्रयोग तथा आईसीटी यानि इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से जिला स्तर पर नई पहल करने के लिए जिला प्रशासन को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है। 26-27 फरवरी को हैदराबाद में आयोजित 21वीं नेशनल ई-गवर्नेंस कांफ्रेंस के दौरान केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. जितेंद्र सिंह ने यह पुरस्कार प्रदान किया।
उपायुक्त यूनुस, पूर्व उपायुक्त राकेश कंवर, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी बृजेंद्र डोगरा और सहायक जिला सूचना विज्ञान अधिकारी राजीव ठाकुर ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। यूनुस ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल रोहतांग के लिए पर्यटकों की गाड़ियों की परमिट प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने तथा उसमें सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर प्रयोग के लिए जिला प्रशासन को यह पुरस्कार मिला है।
पर्यटन सीजन के दौरान रोहतांग जाने के लिए देश-विदेश के पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है लेकिन पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर एनजीटी ने प्रतिदिन सीमित संख्या में ही वाहनों को रोहतांग तक जाने की अनुमति प्रदान की है। एनजीटी के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने रोहतांग के लिए परमिट व्यवस्था शुरू की और 25 सितंबर 2015 को इस परमिट की प्रक्रिया को पूरी तरह आॅनलाइन कर दिया।
इससे देश-विदेश के पर्यटकों व वाहन चालकों को काफी सुविधा हुई और परमिट की प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शी आई। इसके बाद मनाली में ग्रीन टैक्स बैरियर के लिए भी आॅनलाइन प्रणाली शुरू की गई। उपायुक्त यूनुस ने बताया कि अभी तक इस आॅनलाइन सुविधा के माध्यम से लगभग चार लाख आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से विभिन्न वाहनों को आॅनलाइन दो लाख बीस हजार परमिट जारी किए गए। रोहतांग परमिट फीस एवं ग्रीन टैक्स के रूप में लगभग नौ करोड़ चालीस लाख रुपए की धनराशि वसूली जा चुकी है।