कांगड़ा (एमबीएम न्यूज़): उद्यमशीलता की अद्भुत मिसाल कायम करने वाली बिन्दु इस कहावत को सही रूप से चरितार्थ करती हैं कि यदि मन में कुछ करने का जज्बा और लग्न हो तो बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी पार किया जा सकता है। बिन्दु ने जिन्दगी की तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपने घर की आर्थिक स्थिति को बदल डाला है और एक नई सामाजिक पहचान बनाई है।
मध्यमवर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखने वाली बिन्दु रैत के पास योल जरेर, तहसील शाहपुर की रहने वाली है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनके पिता इन्हें 10वीं तक ही पढ़ा सके। कम पढ़ा लिखा होने के कारण नौकरी मिलना संभव नहीं था। ऐसे में बिन्दु ने खुद का रोजगार स्थापित करने के प्रयास शुरू कर दिये। शादी से पहले बिन्दु ने घर पर ही सिलाई का काम सीखा था।
शादी के बाद उन्होंने घर पर भी सिलाई का काम करना शुरू कर दिया। जिससे थोड़ी बहुत आमदनी हो जाती थी। बिन्दु के पति भी निजी कारोबार में लगे थे लेकिन दोनो मिलकर भी इतना नहीं कमा पाते थे कि घर का गुजारा सही ढंग से कर सकें। इस बीच बिन्दु को उनकी सहेली ने स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण लेने को लेकर प्रेरित किया।
वह स्वयं भी ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण पंजाब नैशनल बैंक के धर्मशाला स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से प्राप्त कर चुकी थी। जब बिन्दु को पता चला कि यह संस्थान निःशुल्क प्रशिक्षण करवा रहा है तो मानो उनके हौंसले का उड़ान मिल गई। वह तुरन्त ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक से मिली तथा उनके सुझाव के अनुसार ब्यूटी पार्लर के 30 दिन के कोर्स के लिए आवेदन कर दिया।
यह प्रशिक्षण उनके लिए ज्ञानवर्धक व प्रेरणादायक सिद्ध हुआ। प्रशिक्षण के उपरांत संस्थान के निदेशक ने उन्हें कम दरों पर ऋण मिलने की बात सुझाई। फिर क्या था, उन्होंने स्वयं का कारोबार करने का निर्णय लिया।
बिन्दु बताती हैं कि उन्होंने स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तंर्गत लोन के लिए आवेदन किया। जिससे पंजाब नैशनल बैंक, रैत शाखा से 50 हजार रुपये का लोन तथा 10 हजार रूपये उन्होंने स्वयं से निवेश किए। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके जीवन में परिवर्तन का आधार बना।
बिन्दु की उद्यमशीलता, कड़े परिश्रम और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता से उन्हें अपना कारोबार बढ़ाने में सहायता मिली। आज उन्होंने किराये की दुकान लेकर रैत बाजार में ‘देवांगना पार्लर’ के नाम से ब्यूटी पार्लर खोला है। बिन्दु महीने के 12 से 15 हजार रूपये कमा रही है तथा उन्होंने अपने पार्लर मे 2 महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करवाया है।
पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक कमल प्रकाश बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें। वे बताते हैं कि संस्थान 18 से 45 वर्ष तक की महिलाओं और पुरूषों को डेयरी फार्मिंग, खुम्ब उत्पादन, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और सब्जियों की खेती, आलू एवं प्याज की खेती और प्राकृतिक संरक्षण, अचार और पापड़ बनाना, खिलौने बनाना, डुने पत्तल बनाना, कपड़े के बैग बनाना तथा मोबाईल रिपेयरिंग जैसे विभिन्न रोजगारपरक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार हेतु जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार का कहना है कि जिला प्रशासन लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सभी जिलावासियों विशेषकर युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दिया जा रहा है, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। प्रशासन के इन प्रयासों में पंजाब नैशनल बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो बेहद सराहनीय है।
इस प्रकार के प्रशिक्षणों से लोग क्षेत्र विशेष के लिए आवश्यक ज्ञान एवं कौशल विकास हासिल कर अपना काम आरंभ करके स्वयं तो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने ही हैं तथा अनेक जरूरतमंद लोगों को रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं। जिला प्रशासन इस प्रकार की सभी गतिविधियों को और बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
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