कुल्लू (एमबीएम न्यूज़): अपने जीवन में सरकारी क्षेत्र में जन सेवा करने के बाद केसी ठाकुर मरने के बाद भी आठ लोगाें को जीवन दिया है। जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के तिंदी निवासी केसी ठाकुर अधिशासी अभियंता के पद से सेवानिवृत हुए थे। अपनी सरकारी सेवाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्रों में भी जन कल्याण का कार्य किया है। उन्होंने पहले ही अपने अंगों को मरने के बाद दान करने का निर्णय लिया था।
दुर्भाग्य से पिछले दिनों वे शिमला के पास सड़क हादसे में घायल हो गए थे और पीजीआई में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे। भले ही जिंदगी की जंग हार गए, लेकिन आठ लोगों को जिंदगी दे गए। जनजातीय जिले के तिंदी गांव के सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता केसी ठाकुर मृत्यु के बाद भी ‘जिंदा’ रहेंगे। शिमला में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद मंगलवार को पीजीआई में उनका निधन हो गया।
हालांकि खुद ही अंगदान करने का फैसला लिया था, लेकिन परिवार ने भी जिंदादिली दिखाई। क्योंकि परिवार के सदस्य के निधन के बाद अंगदान पर सहमति देना आसान नहीं माना जा सकता।
परिजनों की सहमति के बाद पीजीआई में उपचाराधीन आठ लोगों को लिवर समेत उनके अंग ट्रांसप्लांट कर दिए गए। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे इन मरीजों को इससे नई जिंदगी मिली है। अंग प्रत्यारोपित करने के बाद केसी ठाकुर की पार्थिव देह एंबुलेंस से कुल्लू भेजी गई है। पीजीआई में अंग दान करने के बाद उनके पार्थिव शरीर को कुल्लू लाया गया, जहां भुंतर घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
केसी ठाकुर के बेटे चिराग राज ठाकुर की माने तो डॉक्टरों के कहने पर परिवार वालों ने सहमति से पिता के लिवर समेत 8 अंग दान किए हैं। पीजीआई में आठ लोगों को ये अंग ट्रांसप्लांट किए हैं। गौरतलब है कि चार फरवरी को शिमला से कुल्लू आते समय जतोग कैंट के पास सड़क हादसे में केसी ठाकुर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें गंभीर हालत में आईजीएमसी शिमला से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया था।