जगत बेंस / नालागढ: औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के भटोली कलां गांव की दलित बस्ती के बाशिंदो का साथ लगते उद्योग बीबी एफ के प्रदूषण ने सांस लेना मुश्किल का दिया है। प्रदूषण से तंग लोग गांव से पलायन की तैयार में है भटोली कलां के गांव वासी पिछले लम्बे समय से प्रदूषण की मार झेल रहे है और लोगोें की बार-बार शिकायतों पर भी जिम्मेवार विभाग उद्योग पर कोई कारवाई करने की पहल नहीं कर रहा है। ग्रामीणों का आखिरकार सब्र का बांध टूट गया और चेतावनी दी है अगर प्रदूषण विभाग ने उद्योग के खिलाफ कोई कारवाई न की तो लोग सडकों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर विभाग के अधिकारियों का घेराव करेंगें। यह वी वी एफ फैक्टरी जोकि साबुन बनाने का काम करती है यह गांव के बिल्कुल साथ लगी है जिसमें 10 फुट का भी फासला नहीं है। उन्होनें कहा कि गांव से 500 मीटर की दूरी पर यह कम्पनी होनी चाहिए थी । आखिर किन मानकों के आधार पर एक बडे स्तर पर प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग को आजादी के साथ लगाए जाने की अनुमति दी गई है। उन्होनें हिमाचल व केन्द्र सरकार से गुहार लगाई है कि या तो इस फैक्टरी को यहां से कहीं और शिफट किया जाए या बंद किया जाए अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो हमें मजबूरन गांव छोडना पडेगा। अपना गुस्सा जाहिर करते गांव की बुजुर्ग महिला ने कहा है कि या तो फैक्टरी को बंद कर दिया जाए नहीं समस्त ग्रामवासियों को जहर देकर मार दिया जाऐं। उन्होनंे आरोप लगाया कि जब से उद्योग यहां स्थापित हुआ है तब से गांव वालों की रातों की नींद उड गई है। उद्योग का दबनी प्रदूषण वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा है जिस कारण गांव वासी बिमारियों की चपेट में आ रहे है। हिमाचल कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं पूर्व चेयरमैन राम कुमार चौधरी से इस मामले में बात की गई तो उन्होनें कहा कि यह सरकार की मिली भगत से नाजायज कम्पनियां चल रही है और लोगों को प्रदूषण की समस्या से जूझना पड रहा है। दर्जनों लोग संास की बिमारियों की चपेट में आ रहे है। प्रदूषण विभाग के एक्स ई एन अनिल मनुजा से बात कही तो उन्होनें कुछ भी कहने से मना किया पर यह भी माना कि भटोली कलां के लोगों की शिकायतें आई है कि गांव के साथ लगते बी बी एफ उद्योग ने प्रदूषण फैला रखा है जिससे ग्रामीणों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। उन्होनें कहा कि विभाग उद्योग के खिलाफ जांच के बाद कारवाई अमल में लाएगी।