नाहन (एमबीएम न्यूज): सेवानिवृत फायर अधिकारी किशोर कुमार की जांबांजी का किस्सा चर्चा में है। सोशल मीडिया में इसकी चर्चा तो हो ही रही है, साथ ही नाहन पंचायत ने गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित भी किया है।
ऐसे दिखाई जांबांजी…24 जनवरी की दोपहर डेढ़ बजे कच्चा टैंक स्थित शर्मा होटल में अचानक सिलैंडर ने आग पकड़ ली। आसपास दुकानें थी। साथ ही घर भी थे। हर कोई सिलैंडर से उठती आग की लपटों को देखकर भयभीत हो रहा था। अचानक ही टहलते हुए संकटमोचक की तरह सेवानिवृत अग्रिशमन अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
यकीन मानिए, कोई भी भीतर जाने का साहस नहीं जुटा पा रहा था, लेकिन किशोर कुमार खाली हाथों से ही आगे बढ़ गए। इसी बीच कुछ लोगों ने यह कहते हुए रोकने का प्रयास किया, अंकल अंदर खतरा है। इस पर पलटकर जवाब दिया, भाई अगर इस घटना में जीवित रहा तो शाबाशी दे देना, अन्यथा शव घर पहुंचा देना। हर कोई इस तरह की साहसी बात सुनकर दंग रह गया। बोरी को गीला करने के बाद सिलैंडर की आग को कंट्रोल कर लिया। सफलता मिल जाने के बाद किशोर कुमार ने मौजूद लोगों को आग की घटनाओं को काबू करने को लेकर जागरूक भी किया।
इस घटना का हरेक चश्मदीद चाहता था कि बहादुर किशोर कुमार को गणतंत्र दिवस के जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित किया जाए। यह तो संभव नहीं हुआ, लेकिन पंचायत ने अपने स्तर पर जांबांज किशोर को सम्मानित किया है। रिटायर अधिकारी ने अग्रिशमन विभाग में 36 साल की सेवाएं दी हैं। इस दौरान भी कई बहादुरी के कार्य किए। 2015 में बद्दी में एक टनल से दो व्यक्तियों को सुरक्षित निकाल लाए थे। 2009 में 160 फीट गहरी खाई से गाय का शव निकाला था।
हैरत की बात यह है कि जांबांजी अधिकारी को सरकारी स्तर पर आज तक कोई भी अवार्ड नहीं मिला है। सनद रहे कि जांबांज अधिकारी धारक्यारी के रहने वाले हैं।