शिमला (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश के कार्यरत 200 से अधिक अंशकालीन पटवारी सहायकों ने आरोप लगाया है कि विभाग में उनका भारी शोषण हो रहा है। उन्हें केवल 3 हजार रुपये वेतन दिया जाता है जबकि काम 8 घण्टे से भी ज्यादा करवाया जाता है। पिछले 10 महीने से उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। उन्हें कोई छुट्टी व मेडिकल सुविधा नहीं दी जाती है। पटवारी के स्तर के सभी कार्य पटवारी सहायकों से करवाये जाते हैं, परन्तु प्रदेश सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन भी इन्हें नहीं दिया जाता है।
हिमाचल प्रदेश अंशकालीन पटवारी सहायक यूनियन के नवनियुक्त अध्यक्ष सुरेश पोषेटा ने रविवार को शिमला में आयोजित यूनियन के सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश में कार्यरत सभी 2200 अंशकालीन पटवारी सहायकों को सरकार कॉन्ट्रैक्ट पॉलिसी के तहत लाए। उन्हें सरकारी कर्मचारी को मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जाएं। उन्हें छुटियां, प्रोविडेंट फंड, बोनस, मेडिकल आदि सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएं। उनका वेतन हर माह सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि मंहगाई के इस दौर में पटवारी सहायकों को महंगाई के इस दौर में अपने परिवार का भरण पोषण करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। उन्होंने सरकार से पटवारी सहायकों की मांग को जल्द पूरा करने का अनुरोध किया है।
सम्मेलन में राज्य स्तरीय यूनियन का गठन करके नई कमेटी का चयन किया गया। सुरेश पोषेटा को अध्यक्ष, प्रदीप कुमार को उपाध्यक्ष, हितेश ठाकुर को महासचिव, प्रदीप, योगराज, रमेश, अजय को सचिव, पनमा, अनिल, अनीता, किशोर चुन्टा को कोषाध्यक्ष, मोहन लाल को मुख्य सलाहकार, भूपेंद्र, आशीष, देवेंद्र को सलाहकार, राकेश ठाकुर, सतपाल, जगत शर्मा, मुकेश को सलाहकार, नन्द लाल, प्रकाश, पूनम, कांता, हवर सिंह, परीक्षित, मुकेश,सुनील, भूपेंद्र, किशोर, हरीश, सत्या, बलवंत, सुरजीत, शेर सिंह, सनी, पूनम व देवेंद्र को कमेटी सदस्य चुना गया।