बता दें कि शिलाई क्षेत्र के अंतर्गत भितरकुई ग्राम में कभी 35-36 खुशहाल परिवार बसते थे जोकि सडक, बिजली, पानी, स्वास्थय आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वहां से पलायन कर चुके हैं और वर्तमान समय में ग्राम में केवल 2-3 परिवार ही शेष बचे हैं। महज़ 3 दिन पहले एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था। इसके बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आया है।
उपायुक्त सिरमौर ने बीडीओ पांवटा की अगुवाई में करीब एक दर्जन अधिकारियों की एक टीम बनाकर मौके पर भेजी, जिन्होंने बीते कल क्षेत्र का दौरा किया।
टीम में बीडीओ पांवटा अभिषेक मित्तल, शिलाई लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के इलावा बागवानी व कृषि विभाग के अधिकारी शामिल थे। स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान- प्रेम सिंह, पंचायत सचिव राम सिंह, वार्ड मेंबर- अनिल अत्री, ग्राम रोज़गार सेवक, टेक्नीकल असीस्टेंट आदि भी शामिल थे।
इस बाबत बीडीओ पांवटा अभिषेक मित्तल ने बताया कि उपायुक्त सिरमौर के आदेशों के बाद एक जॉइंट इंस्पेक्शन के लिये बीते कल उन्होंने ग्राम भितरकुई का दौरा कर वहां ग्रामीणों का दुख-दर्द जाना और सम्भावनायें जांची।
मौके पर पाया गया कि कोटगा ग्राम से आगे करीब 5 किमी का कच्चा रास्ता करीब 1 मीटर चौडा है और कई जगह उससे भी कम है और यह सारा क्षेत्र वन विभाग के अधीन आता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ग्रामवासियों के लिये सडक और पानी की नई पाईपलाईन उपलब्ध कराने हेतु उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपी जायेगी।
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