नाहन (एमबीएम न्यूज): युवा एचएएस अधिकारी केवल शर्मा की युवाओं में खासी पैठ है। इसकी बड़ी वजह यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को कैरियर बनाने में मार्गदर्शन करने में पीछे नहीं हटते हैं। यहां तक की गरीब परिवारों के बच्चों को रोजगार दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई है। एचएएस केवल शर्मा के अपने संघर्ष से जुड़ी एक खास बात सामने आई है।
बताया गया कि पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिए ट्रिब्यूनल की कैंटीन में चाय बेचकर केवल शर्मा ने संघर्ष किया। क्योंकि पढऩे-लिखने की उम्र में परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ पड़ गया था। इसी कारण शिलाई से शिमला का सफर तय किया तो मजदूरी पर विवश होना पड़ा। पढ़ाई छूटने पर भी हिम्मत नहीं हारी। कैंटीन में चाय बेचनी शुरू कर दी थी। शायद ये बात भी कम लोग जानते हैं कि एचएएस बनने से पहले केवल शर्मा ने एक कुशल शिक्षक की भी भूमिका निभाई है।
जेबीटी का कोर्स पूरा करने के बाद एचएएस बनने का सपना नहीं छोड़ा। शिक्षक रहने के दौरान ही तैयारी करते रहे। आखिर अपने ही बूते पर एचएएस में सफलता अर्जित कर ली। कोटशेरा में बीए की पढ़ाई कर रहे थे तो आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ गई। शिलाई के नाया पंजोड के रहने वाले केवल शर्मा कई प्रशासनिक पदों पर तैनात रहे। अपने पैतृक जिला सिरमौर में चंद महीने पहले ही नाहन मेडिकल कॉलेज में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात हुए थे। इससे पहले पीजीआई में प्रतिनियुक्ति पर थे।
केवल शर्मा का कहना है कि संघर्ष देखा है, कैसे आर्थिक कमी के कारण युवाओं को अपने कैरियर को बनाने से चूकना पड़ता है। इसी कारण हर इम्दाद को तैयार रहते हैं। सनद रहे कि सीएम जयराम ठाकुर के डिप्टी सेक्रेटरी बने केवल शर्मा साफ व बेदाग छवि के प्रशासनिक अधिकारी हैं।