शिमला (एमबीएम न्यूज): भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए जयराम ठाकुर अपने 52वें जन्मदिन से 9 दिन पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। मगर सबसे कम उम्र में सीएम बनने का रिकॉर्ड सांसद शांता कुमार के नाम है। 12 मार्च 1934 को जन्मे शांता कुमार ने 43 साल की उम्र में पहली बार बतौर मुख्यमंत्री 22 जून 1977 को पारी शुरू की थी।
सांसद शांता कुमार के साथ राजनीति का यह दुर्भाग्य है कि दो बार सीएम बने। लेकिन दोनों बार ही अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। इसके बाद सबसे युवावस्था में सीएम बनने का गौरव प्रदेश निर्माता डॉ. वाईएस परमार ने प्राप्त किया। 4 अगस्त 1906 को जन्मे डॉ. वाईएस परमार 8 मार्च 1952 को पहली बार सीएम बने थे। उस वक्त डॉ. वाईएस परमार की उम्र 46 साल थी।
48 साल की उम्र में सीएम बनने का रिकॉर्ड राम लाल ठाकुर के नाम है। 7 जुलाई 1929 को जन्मे राम लाल ठाकुर 28 जनवरी 1977 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। उस समय दिवंगत ठाकुर की उम्र 48 साल थी।
उधर 23 जून 1934 को जन्मे वीरभद्र सिंह ने पहली बार बतौर मुख्यमंत्री सूबे की कमान 8 अप्रैल 1983 को संभाली थी। यानि केंद्र की राजनीति के बाद प्रदेश की कमान 49 साल की उम्र में संभाली थी। 28 साल की उम्र में राजनीति शुरू करने वाले निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राजनीतिक जीवन की शुरूआत लोकसभा चुनाव से की थी। निवर्तमान मुख्यमंत्री ने राज्य की राजनीति में आने से पहले केंद्र में बतौर सांसद भी लंबी पारी खेली।
सीएम रहे प्रेम कुमार धूमल ने सबसे अधिक 54 साल की उम्र में प्रदेश की बागडोर संभाली। 10 अप्रैल 1944 को जन्मे प्रो. प्रेम कुमार धूमल प्रदेश में पहली बार 24 मार्च 1998 को मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए। अब तक प्रदेश में 5 नेता ही मुख्यमंत्री रहे।
इसमें से प्रदेश निर्माता डॉ. वाई एस परमार व राम लाल ठाकुर का निधन हो चुका है। जबकि शेष तीनों नेता आज भी राजनीति में सक्रिय हैं। खास बात यह है कि निवर्तमान मुख्यमंत्री की राजनीतिक पारी के रिकॉर्ड तोडऩे के नजदीक कोई फटक भी नहीं रहा है। खास बात यह है की प्रदेश राजनीति में शिमला, हमीरपुर व कांगड़ा को सीएम मिल चुके है लेकिन मंडी के हिस्से सीट पहली बार आई है।