शिमला ( एमबीएम न्यूज़ ): हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर सिर्फ सियासी दलों व उम्मीदवारों में ही नहीं, नौकरशाही में भी उत्सुकता और बेचैनी है। नई सरकार को लेकर फिलहाल नौकरशाही भी असमंजस में है। एग्जिट पोल में भाजपा के बंपर जीत के संकेत मिलने के बाद शिमला से लेकर दिल्ली तक नौकरशाहों का एक खेमा भाजपा के शीर्ष नेताओं से संपर्क साधने और उनकी परिक्रमा करने में जुट गया है। हालांकि बहुत से अफसरों को अभी अंतिम नतीजों का इंतजार है।
सोमवार को नई सरकार को लेकर स्थिति साफ होने के बाद अफसरों की सक्रियता और बढ़ने की उम्मीद है। वैसे भाजपा के सत्ता में आने की उम्मीद लगाए बैठे नौकरशाह अपनी गोटिया बैठाने में जुट गए हैं। पिछले पांच साल के कांग्रेस सरकार के शासन में तालमेल न बैठ पाने पर कुछ वरिष्ठ अफसरशाह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे। अब राज्य में यदि भाजपा की सरकार आती है, तो इन अफसरशाहों की वापसी होगी।
सूबे में साल 1985 के बाद कोई भी दल रिपीट नहीं कर पाया है। हर बार सत्ता बदलने के बाद नई सरकार सूबे में बड़ा प्रशासनिक फेरबल करती है। चुनाव नतीजों की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही प्रशासन व पुलिस के प्रमुख पदों को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा की सरकार बनी तो नए मुख्य सचिव व डीजीपी की भी तैनाती की जा सकती है। वहीं कई आईएएस व आईपीएस अफसर प्रशासनिक व पुलिस प्रमुख की कुर्सी पर नजरें गढ़ाए हैं। अहम पदों पर तैनात अफसर ही नहीं, सेवा विस्तार पर चल रहे अफसरों में भी नई सरकार को लेकर छटपटाहट है। वीरभद्र सरकार राज्य सचिवालय में कुछ आईएएस अफसरों कोे रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार दे चुकी है। ऐसे सेवा विस्तार वाले अफसर अहम पदों पर बिठाए गए हैं। अगर सरकार बदलती है तो ऐसे तमाम अफसरों की छुटटी होनी तय है।