ऊना (एमबीएम न्यूज़): हमेशा चर्चाओं मे रहने वाला क्षेत्रीय अस्पताल ऊना एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। अस्पताल में स्थित एक निजी लैब द्वारा किए गलत टैस्ट के चलते मरीज को पीलिया की दवाई खानी पड़ी है। गलत रिपोर्ट का खुलासा मरीज के अस्पताल के बाहर स्थित प्राईवेट लैब में करवाए गए टैस्टों के बाद हुआ है। इसकी लिखित शिकायत मरीज के तीमारदार ने एमएस सहित सीएमओ को सौंप दी गई है। तीमारदार ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच मांगी है।
बता दें कि 11 दिसंबर को अजनौली निवासी शांति देवी की अचानक तबीयत खराब होने परिजनों ने क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां पर चिकित्सकों ने शरीरिक जांच के बाद मरीज को खून की जांच करवाने की बात कही। 12 दिसंबर की सुबह शांति देवी का अस्पताल में स्थिक एक निजी लैब में खून की जांच करवाई गई। दोपहर बाद आई रिपोर्ट में मरीज को पीलिया होने की पुष्टि की गई। रिपोर्ट के अनुसार महिला को 3.56 के करीब पीलिया बताया गया, जो कि सामान्य से दो गुना ज्यादा था।
अस्पताल के निजी लैब से मिली रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक ने भी मरीज का इलाज शुरू कर करते हुए दवाईयां लिख दी। मरीज में पीलिया के कोई खास लक्षण न दिखने के कारण शांति देवी के नाती अंकुश सैणी ने पुन: खून की जांच करवाने की सोची और बुधवार सुबह अस्पताल के बाहर स्थित एक प्राईवेट लैब में पहुंच गया। लैब में करवाए गए टैस्ट के खुलासा हुआ कि शांति देवी के खून में पीलिया नामक कोई बीमारी नहीं है। इस रिपोर्ट को लेकर तुंरत अंकुश सैणी एमएस डॉ. बीबी कटोच के पास पहुंच गया और दोनों रिपोर्ट दिखाई। जिस पर एमएस ने मरीज की पुन: अस्पताल के सरकारी लैब में टैस्ट करवाए। इस रिपोर्ट में महिला के खून में पीलिया नहीं पाया गया। चिकित्सक डॉ. बीबी कटोच ने तुंरत दवाईयों को बंद करवाते हुए लैब की जांच करवाने की बात कही। इस संदर्भ में अंकुश सैणी ने एमएस सहित सीएमओ ऊना को लिखित शिकायत सौंप दी है। उन्होंने लैब तकनिशियन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग उठाई है।
क्या कहते हैं सीएमओ
जिला चिकित्सा अधिकारी डा. प्रकाश दड़ोच ने बताया कि मामले को लेकर शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि एमएस को जांच का जि मा गया है। जांच में अगर लापरवाही सामने आई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।