शिमला (एमबीएम न्यूज): हालांकि राज्य विद्युत बोर्ड की वैबसाइट पहले से ही थकी हुई प्रतीत होती रही है, लेकिन अब तो पिछले कई दिनों से बंद ही पड़ी है। सूबे में बिजली बोर्ड के 20 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ता हो सकते हैैं। इसमें से अगर 15 फीसदी ही बिजली के बिलों का भुगतान ऑनलाइन करते हैं तो सोचिए, लाखों उपभोक्ताओं को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा होगा।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को पाठक लगातार बिजली बोर्ड की वैबसाइट क्रैश होने की सूचना दे रहे हैं, लेकिन बोर्ड के आलाधिकारी संभवत: इससे बेखबर ही हैं। सूत्र बताते हैं कि बिजली बोर्ड की हालत यह है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान राज्य के लाखों उपभोक्ताओं के बिजली बिलों के भुगतान का रिकॉर्ड ही उड़ा दिया गया था। इसके बाद बोर्ड के कर्मचारियों ने घर-घर जाकर सर्वे के बाद रिकॉर्ड को अपडेट किया। पहले भी उपभोक्ताओं की शिकायतें मिलती रही हैं कि ऑनलाइन बिलों के भुगतान का बोर्ड द्वारा सही तरीके से रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया जाता। लिहाजा बोर्ड के कर्मचारी बिजली काटने पहुंच जाते हैैं।
कुल मिलाकर अहम बात यह है कि बिजली बोर्ड को ऑनलाइन सेवा के लिए उच्च तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में बोर्ड ने घरेलू दरों को बढ़ाने का भी फैसला लिया था।