शिमला (एमबीएम न्यूज़) : चुनावी मौसम में कांग्रेस के दिग्गजों ने हिमाचल में डेरा डाल लिया है। उतराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के बाद हरियाणा के पूर्व सीएम भुपिंद्र सिंह हुड्डा भी राजधानी शिमला पहुंच गए हैं। इन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर पार्टी के असंतुष्ठों व बागी नेताओं को मनाने की जिम्मेवारी है। भूपिंद्र सिंह हुड्डा ने आज पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की फिर से सरकार बनना तय है। यहां मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में अभूतपूर्व विकास हुआ है। विकास के मामले में हिमाचल ने गुजरात को भी पीछे छोड़ दिया है।
पांच सालों में यहां गुजरात से बहुत अधिक युवाओं को नौकरी मिली है। सभी वर्गों के लोगों को कांग्रेस सरकार ने राहत पहुंचाई है। स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। यहां कांग्रेस के कुछ नाराज नेता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव में उतरे हैं। इनमें से अधिकांश को मना लिया गया है, और कल नामांकन वापिस लेने के आखिरी दिन सबको मना लेने के प्रयास जारी हैं। कांग्रेस पार्टी पूरी एकजुटता के साथ चुनाव लडे़गी और फिर सत्ता पर काबिज होकर इतिहास रचेगी।
हुड्डा ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस के फिर सत्ता में आने का यह भी कारण है कि यहां भाजपा ने अपना चुनावी चेहरा घोषित नहीं किया है। भाजपा केंद्र की मोदी सरकार के चेहरे पर हिमाचल का चुनाव लड़ना चाह रही है। लेकिन मोदी सरकार को लेकर लोगों की सोच में भारी बदलाव आया है। मोदी सरकार की नीतियों से देश आर्थिक तौर पर पिछड़ रहा है। देश की जीडीपी गिर रही है। इसका असर आम जनता पर पड़ रहा है। जीएसटी व नोटबंदी से लोग तंग हैं और हिमाचल व गुजरात के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने के इंतजार में हैं।
हुड्डा ने मोदी सरकार पर किसानों व आम जनता से किए गए वायदों को पूरा नहीं करने का आरोप जड़ते हुए कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वायदा किया था, लेकिन अब सरकार इससे पलट गई है। सालाना दो करोड़ नौकरियां देने का वायदा भी पूरा नहीं हुआ है। तीन साल में मोदी सरकार महज 1.35 लाख नौकरियां दे पाई है। जबकि वायदे के अनुरूप छह लाख नौकरियां मिलनी चाहिए थीं। उन्होंने हिमाचल में भाजपा की सरकार बनाने का दावा करने वाले एक संस्था के एग्जिट पोल पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सर्वे जीएसटी लागू करने से पहले किया होगा। जीएसटी के बाद लोगों में भाजपा को लेकर बदलाव आया है।