शिमला (एमबीएम न्यूज़): मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के ठियोग हल्के से चुनाव लड़ने का एलान करने के बाद यह हॉट सीट बन गई है। मुख्यमंत्री पहली बार ठियोग से चुनाव लड़ेंगे और उनके लिए यह नया चुनाव क्षेत्र होगा। सीएम के ठियोग से उतरने की घोषणा से यहां से कांग्रेस टिकट की चाह में बैठे नेताओं की उम्मीदें धराशायी हो गई है। कांग्रेस के आधा दर्जन नेताओं ने इस सीट से लड़ने के लिए पार्टी में आवेदन किया था।
चुंकि वीरभद्र सिंह पहली बार ठियोग से चुनाव लड़ेंगे और उनके लिए यह नया चुनाव क्षेत्र है, लिहाजा सीएम के मुकाबले के लिए भाजपा मजबूत कैंडीडेट की तलाश कर रही है। यहां से टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक राकेश वर्मा के अतिरिक्त संदीपनी भारद्वाज और डॉक्टर लोकेंद्र के बीच मुकाबला है। लेकिन यह तीनों नेता वीरभद्र के आगे कहीं खड़े नजर नहीं आते। टिकट की दौड़ में सबसे आगे चल रहे राकेश वर्मा तो वीरभद्र सिंह का काफी नजदीकी रहे हैं। भाजपा अगले एक-दो अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है और सबकी नजरें ठियोग के साथ-साथ शिमला ग्रामीण से भाजपा के उम्मीदवारों पर लगी है।
शिमला ग्रामीण से मुख्यमंत्री के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस टिकट से आवेदन किया है और उनका टिकट तय माना जा रहा है। यह निर्वाचन क्षेत्र खुद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का है और उन्होंने बीते पांच सालों मंे इस हल्के को कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। विक्रमादित्य सिंह काफी अरसे से इस हल्के में सक्रिय हैं। लेकिन भाजपा यहां अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। इस हलके में भाजपा का कोई कद्दावर नेता नहीं है। वीरभद्र सिंह ने इस सीट से पिछला चुनाव 20 हजार मतों से जीता था। अब मुख्यमंत्री के बेटे के चुनाव मैदान में उतरने के एलान से भाजपा की चुनौती बरकरार है।
इस सीट से आधा दर्जन से अधिक नेता भाजपाई की टिकट की दौड़ में हैं। इनमें पूर्व प्रत्याशी ईश्वर रोहाल सहित वीना ठाकुर, योगेश्वर शर्मा, रवि मेहता, प्यार सिंह और मोहन दास शर्मा शामिल हैं। इसके अलावा शिमला नगर निगम के बालूगंज वार्ड से भाजपा पार्षद किरण बाबा ने भी शिमला ग्रामीण से दावेदारी जताई है।
भाजपा का प्रदेश नेतृत्व शिमला ग्रामीण सीट को भी हॉट सीट मानकर चल रहा है, इसलिए यह तय कर लिया गया है कि यहां से भाजपा मजबूत प्रत्याशी उतारेगी। स्थानीय स्तर के भाजपा नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को संकेत दिए हैं कि पार्टी के किसी जमीन से जुड़े युवा नेता को विक्रमादित्य से चुनावी रण में भिड़ने का मौका दिया जाना चाहिए।
व्रिकमादित्य सिंह पिछले दो-तीन सालों से शिमला ग्रामीण सीट पर जमकर पसीना बहा रहे हैं। इस हल्के के ज्यादातर क्षेत्रवासियों के साथ वह सीधा संवाद कर चुके हैं। युवाओं को रिझाने के लिए हाल में उन्होंने यहां एक बड़े क्रिकेट टुर्नामेंट का सफलतापूर्व आयोजन किया है। इन दिनों विक्रमादित्य ने अपने समर्थकों सहित शिमला ग्रामीण में जनसंपर्क अभियान तेज कर रखा है। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी व हिमुडा के अध्यक्ष यशवंत छाजटा को शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का अध्यक्ष नियुक्त किया है।