नाहन (एमबीएम न्यूज): रविवार साढ़े तीन बजे के आसपास मोहल्ला गोविंदगढ़ में ट्रैफिक जाम लग गया। एचआरटीसी की आधा दर्जन बसों समेत दर्जनों वाहन फंसे रहे। आलम यह था कि संकीर्ण सडक़ पर लकड़ी से लदे एक ट्रक के चढ़ाई में फंस जाने से पैदल निकलने तक का रास्ता नहीं बचा था।
सवाल फिर वही है कि क्यों सडक़ों के किनारे खड़े वाहनों को नहीं हटाया जाता। दूसरा ओवरलोडिड ट्रकों के गुजरने का समय क्यों नहीं निर्धारित होता। अभी तो आधे-पौने घंटे में ट्रैफिक खुद ही बहाल कर लिया जाता है, लेकिन एक साल के भीतर यह समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है। देहली गेट पर निजी बसों की मनमर्जी चलती है। इन्हें दो मिनट खड़े होने के निर्देश हैं। लेकिन 15-20 मिनट आराम से सवारियों की इंतजार कर लेते हैं।
समय आ गया है, जब बसों को भी दिल्ली गेट न आने की इजाजत हो। इसके लिए बस स्टैंड से इस तरफ आने वाले लोगों के लिए एक मुद्रिका बस चल चुकी है। एक-दो बसें ओर चल जाएं तो स्थिति सुधर सकती है। अन्यथा वो दिन दूर नहीं है, जब आपातकालीन स्थिति में रोगी वाहन, फायर बिग्रेड व अन्य जरूरी वाहन सडक़ों पर ही फंसे रहेंगे। हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि चुनाव सिर पर है, लेकिन राजनीतिज्ञों के एजैंडे में इस समस्या को लेकर कोई प्लानिंग नहीं है। 15-20 सालों से केवल राजनीतिज्ञों के पास पानी की समस्या का ही मुद्दा चल रहा है, जबकि शहर में ट्रैफिक की समस्या इससे भी बड़ी हो रही है।