बीबीएन (एमबीएम न्यूज़) : एक हजार मैगावाट की करछम वांगतू बिजली परियोजना में अभी जेपी कंपनी के खिलाफ आंदोलन का मामला शांत ही हुआ था कि बीबीएन के जेपी सीमेंट प्लांट में फिर से आंदोलन का बिगुल बजना शुरु हो गया है। सीमेंट प्लांट में कच्ची सडक़ों पर उठती धूल से आसपास के दर्जनों गांव प्रदूषण की चपेट में आने तथा दीवारों, खिड़कियों व दरवाजों में धूल की रोजाना मोटी हो रही परतों ने ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिया है।
कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन करते हिम परिवेश पर्यावरण संस्था के पदाधिकारी
धूल को खत्म करने के लिए कंपनी प्रबंधन द्वारा उपकरण न लगाए जाने व सडक़ों के रखरखाव न किए जाने के कारण लोगों ने अब मुख्य रास्तों पर पैदल चलना ही छोड़ दिया है। वहीं दूसरी ओर बीड़ प्लासी के एशियन सीमेंट प्लांट से उठ रही धूल के कारण आसपास के गांव प्रदूषण की चपेट में आने से लोग पूरी तरह लामबंद हो गए हैं।
सोमवार को बीबीएन की पर्यावरण संस्था हिम परिवेश के पदाधिकारियों ने बद्दी स्थित पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर प्रवीण गुप्ता को ज्ञापन सौंपकर प्रदूषण को समाप्त करने की मांग उठाई है। हिम परिवेश पर्यावरण संस्था के अध्यक्ष जगजीत सिंह दुखिया, सचिव बालकिशन व कोषाध्यक्ष संजीव कौशल की अगुवाई में मिले तथा कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया।
प्रतिनिधिमंडल ने एसई को बताया कि बघेरी स्थित जेपी प्लांट में ट्रक यार्ड के लिए कच्चा रास्ता बनाया गया है जहां रोजाना सैकड़ों ट्रकों का आना-जाना लगा रहता है। हैवी वाहनों की मूवमेंट से गर्मियों में भारी धूल उठ रही हैए जो कोहरे की तरह आसपास की पंचायत के गांव को अपनी चपेट में लिए हैं। उन्होंने कहा कि भारी मात्रा में धूल उठने से घर की दीवारोंए खिड़कियां व दरवाजों में डस्ट की मोटी परतें बन रही हैं और रोजाना कैमिकल के साथ इसकी सफाई करना मजबूरी बन गई है।
अध्यक्ष दुखिया, बालकिशन व कौशल ने बताया कि जेपी सीमेंट के आसपास गुजरने वाली कच्ची सडक़ों के रखरखाव पर गौर नहीं किया जा रहा है। इससे गांव से गुजरने वाली कच्ची सडक़ों से धूल उठ रही हैए जिससे स्कूली बच्चे व ग्रामीण काफी दुखी है। धूल की इस परेशानी से कई लोगों व स्कूली बच्चों ने मेन रास्ते ही बदल दिए हैं। सीमेंट प्लांट से भारी धूल के कारण बच्चे व ग्रामीण बीमारी की चपेट में आने शुरु हो गए हैं और कई लोगों को स्वांस की बीमारी पैदा हो रही है।
संस्था के पदाधिकारियों ने सीमेंट कंपनी से उठ रहे प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने पहले भी कंपनी पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना किया है और चेतावनी दी है कि भविष्य में अगर वैज्ञानिक तरीके से प्रदूषण को बंद करने के प्रयास नहीं हुए तथा ग्रामीणों को प्रॉपर तरीके से एडॉप्ट न किया तो सीमेंट प्लांट बंद किया जा सकता है।
बीड़ प्लासी में एसीसी प्लांट व दो अन्य कंपनियों से प्रदूषण
बघेरी, रामपुर, खिलियां व मुस्तानपुर पंचायत के अलावा एसीसी सीमेंट प्लांट से प्लासीकलां पंचायत के लोगों को एसीसी सीमेंट प्लांट का प्रदूषण प्रभावित कर रहा है। एसीसी सीमेंट प्लांट से उठ रही धूल के कारण लोगों को घरों से बाहर निकलना ही मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने डस्ट रोकने के लिए एसीसी सीमेंट प्लांट प्रबंधन को कई बार लिखित नोटिस भेजा हैए लेकिन प्रदूषण को बंद करने के लिए उपकरण नहीं लगाए गए हैं।
स्थानीय निवासी सुरेश कुमार, राजेश कुमार, रामदयाल व मनदीप की शिकायत के अनुसार बीड़ प्लासी में एमको टेक्सटाइलए सहारा टेक्सटाइल व एक अन्य कंपनी द्वारा गंदे पानी की निकासी प कचरा इत्यादि डंप करने के कारण इस पंचायत के आधा दर्जन गांव पूरी तरह प्रदूषण की चपेट में है।
एसई पोल्यूशन प्रवीण गुप्ता ने कहा कि वे इस बारे में संबंधित कंपनियों का दौरा करेंगे और वास्तुस्थिति के बाद उन्हें नोटिस जारी करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में जगजीत सिंह दुखिया, बालकिशन, संजीव कौशल, कार्यकारिणी सदस्य मास्टर खमिंद्र सिंह, यशपाल रणौतए शीतल सिंह, गुरदेव सिंह व प्रैस सचिव नराताराम सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।