नाहन (रेणु कश्यप) : चाइल्ड लाइन की तीन बालाएं अगर हिम्मत नहीं दिखाती तो दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई मासूम को गर्भपात के लिए उत्तर प्रदेश पहुंचा दिया जाता। करीब 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची को सीमापार ले जाने से रोका गया।
दरअसल बात 10 सितंबर सुबह शुरू हुई। चाइल्ड लाइन की समन्वयक तारा, टीम सदस्य विनिता व सुमन को एक कॉल मिली, जिसमें बताया गया कि मासूम गर्भवती बच्ची को उत्तर प्रदेश में गर्भपात के लिए ले जाया जा रहा है। तडक़े ही टीम सक्रिय हो चुकी थी। बस स्टैंड पर श्री रेणुका जी की तरफ से आने वाली बसों की पड़ताल शुरू कर दी गई।
इसी बीच बच्ची के साथ आ रहे चाचा व एक अन्य व्यक्ति को भी यह भनक लग चुकी थी कि नाहन बस स्टैंड पर चाइल्ड लाइन की टीम इंतजार कर रही है। लिहाजा बच्ची को शहर से तीन किलोमीटर पहले ही उतार कर वापस घर की तरफ ले जाया गया।
चाइल्ड लाइन की हिम्मती बालाओं ने रात करीब अढ़ाई बजे रेणुका जी थाना में पहुंच कर मामला दर्ज करवा दिया। शुरूआती छानबीन में पीडि़ता की उम्र को 18 से 19 साल के बीच बताया जा रहा था, लेकिन यह चाइल्ड लाइन की बालाएं ही थी, जिन्होंने पूरी जांच के बाद पुलिस को अवगत करवाया कि पीडि़ता की उम्र 12 साल 8 महीने है। 12 सिंतबर को बच्ची का गर्भपात करवा दिया गया। चाइल्ड लाइन की सदस्यों ने बताया कि मामूली सी देरी पर बच्ची को सीमा पर ले जाकर गर्भपात करवाया जा सकता था। इससे सारे साक्ष्य भी मिट जाते।
बड़ा सवाल…
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल पीडि़ता की निजता से जुड़ा हुआ है। तीनों बालाओं ने इस बात पर भी गहरा अफसोस जाहिर किया कि कुछ लोग बच्ची की तस्वीरें खींच कर फेसबुक पर अपलोड कर रहे थे, जो बेहद निंदनीय है। दरअसल मेडिकल कॉलेज में हर किसी को यह पता चल चुका था कि बच्ची गर्भवती है। यकीन मानिए कि जिम्मेदार लोगों ने बच्ची के मुंह को ढक कर तस्वीरें तक खिंचवा ली, जिसे फेसबुक पर अपलोड कर दिया गया।
जानकार यह भी बताते हैं कि हर कोई पीडि़ता को देखने उसके वार्ड में जा रहा था। इससे पीडि़ता भी काफी परेशानी का सामना कर रही थी। सनद रहे कि नाहन में इस तरह का पहला ही मामला सामने आया है, जब अस्पताल में 12 साल 8 महीने की बच्ची का गर्भपात करवाया गया। यह भी बताना जरूरी है कि एमबीएम न्यूज नेटवर्क के पास इस मामले की जानकारी सबसे पहले थी, लेकिन बच्ची की निजता को ध्यान में रखते हुए कोई भी पहचान या तस्वीरे सामने नहीं लाई गई।