शिमला (एमबीएम न्यूज़): विधानसभा चुनाव समीप आते ही कर्मचारी और शिक्षक महासंघों के सुर भी एकाएक बदलने लगे हैं और अपनी मांगों को लेकर इन्होंने सरकार पर दवाब बनाना तेज कर दिया है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने दो टूक कहा है कि पैंशन बहाली सहित उनकी तमाम लंबित मांगों पर वीरभद्र सरकार ने कल गुरूवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में मुहर नहीं लगाई, तो पूरा शिक्षक समाज सरकार के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ देगा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ वोट करने से नहीं हिचकिचाएगा।
संघ के प्रधान विरेंद्र चौहान ने आज यहां एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि राजकीय अध्यापक संघ के बैनर तले 60 हजार से अधिक शिक्षक सरकार को हिलाने का मादा रखते हैं और हमें सरकार कमतर न आंके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में शिक्षकों की मांगों को सरकार और विभाग ने अनसूना किया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को 5 साल तक शिक्षकों की समस्याएं सुनने का समय तक नहीं मिला। बार-बार आग्रह करने पर भी सरकार अध्यापक संघ की जेसीसी नहीं करवा पाई और मांगों को अनदेखा किया गया। सरकार ने संघ की कोई भी बड़ी मांग पूरी नहीं की है। अफसरशाही ने सरकार को हर स्तर पर गुमराह किया। टायरड और रिटायरड अधिकारी सरकार चला रहे हैं।
विरेंद्र चौहान ने कहा कि संघ की तरफ से एक व्हिप जारी किया जाएगा कि जो राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पैंशन बहाली के मुददे को प्रमुखता देगा, उसीके पक्ष में संघ आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान करेगा।
उन्होंने कहा कि पुरानी पैंशन बहाली के मुददे पर आगामी दिनों में शिक्षकों द्वारा व्यापक स्तर पर जन आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार शिक्षकों को प्रताडि़त कर दोबारा सत्ता नहीं हथिया सकती, क्योंकि शिक्षक समाज का आईना है। अगर सरकार को पुनः सत्ता में आना है, तो मुख्यमंत्री कल की प्रस्तावित बैठक में संघ के 31 मुददों को पूरा करने की घोषणा करे।
विरेंद्र चौहान ने कहा कि संघ की मुख्य मांगों में पुरानी पैंशन बहाल करना, सेवानिवृत आयु 58 से बढ़ाकर 62 साल करना, 4-9-14 से जुड़ी 7-7-14 एवं 9-9-14 की कर्मचारी विरोधी अधिसूचना को वापिस लेना, ग्रेड-पे को 01-01-2006 से लागू करना, प्रवक्ता पदनाम की बहाली करना, एलटी व शास्त्री टीचरों को टीजीटी हिंदी व टीजीटी संस्कृत का पदनाम देना, अध्यापकों के लिए स्थानांतरण नीति बनाना, अध्यापकों को 15 साल की सेवाअवधि पर 2 विशेष वेतन वृद्वियां देना, 300 से अधिक अर्जित अवकाश होने पर सर्विस बुक में जमा करना इत्यादि शामिल हैं।
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