शिमला (एमबीएम न्यूज): राज्य सरकार ने आउटसोर्स पर तैनात आईटी शिक्षकों को अनुबंध पर लाने का एक फार्मूला तैयार किया है। हालांकि सीधे तौर पर इसकी कोई भी अधिकारिक पुष्टि करने को तैयार नहीं है, लेकिन यह तय है कि पीजीटी-आईटी के 1191 पदों को इसी फार्मूले के तहत भरने की योजना बनी है। दरअसल शुक्रवार शाम उच्चशिक्षा विभाग के निदेशालय ने 1191 पदों को भरने की मंजूरी दी है। इसमें कम से कम पांच साल के अनुभव को अनिवार्य बनाया गया है। इसके अलावा अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं।
साफ हो जाता है कि इन पदों पर आउटसोर्स पर तैनात आईटी शिक्षक ही आवेदन कर सकेंगे। जानकारी के अनुसार राज्य में इस वक्त 1450 के करीब आईटी शिक्षक तैनात हैं। इनमें से एक वर्ग ऐसा है, जिसके पास स्नातकोत्तर या इसके समकक्ष योग्यता नहीं है। लिहाजा पदों का आंकड़ा बराबर-बराबर ही है। जितने शिक्षक तैनात हैं, उतने की पदों को करीब-करीब मंजूरी दी गई है। आउटसोर्स पर तैनात शिक्षकों के एक तबके को 17 साल का लंबा समय भी बीत चुका है।
ये हैं मायूस..
राज्य में बेरोजगारों का एक तबका ऐसा भी है, जिसने आईटी में बीटेक, एमएससी या एमसीए किया है, लेकिन उनके पास पांच साल का पढ़ाने का अनुभव नहीं है। लिहाजा यह वर्ग आवेदन करने से वंचित हो गया है। इस तबके ने सवाल उठाया है कि पीजीटी के पदों को भरने के लिए आज तक कोई भी इस तरह का अनुभव नहीं मांगा गया है तो इस बार ऐसा क्यों किया जा रहा है।