शिमला (एमबीएम न्यूज़) : नेपाली मूल के सूरज की हवालात में हत्या के मामले में फंसे आईपीएस जहूर एच जैदी (पूर्व आईजी दक्षिणी रेंज) और डीएसपी मनोज जोशी सहित अन्य 8 पुलिस कर्मियों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई है। वे सभी 4 सितंबर तक रिमांड पर रहेंगे।
सीबीआई ने बीते कल ही आठ पुलिस वालों को शिमला में गिरफ्तार कर यहां की स्थानीय अदालत में पेश किया था। अदालत ने इन्हें 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। सूत्रों के मुताबिक आठों पुलिस वालों को रात भर बालूगंज और छोटे शिमला थाने में रखा गया और आज सुबह सीबीआई इन्हें दिल्ली ले गई। जरूरत पड़ने पर सीबीआई इनका नार्को टैस्ट भी करवा सकती है।
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सीबीआई ने लगभग 40 दिन की लंबी तफतीश के बाद इन आठ पुलिस वालों को गिरफ्तार किया था। कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने आईजी व डीएसपी सहित पुलिस कर्मियों के मोबाइल व अन्य कुछ तकनीकी उपकरण कब्जे में लेकर इनकी गहन जांच करवाई थी। बताया जाता है कि उपकरणों से मिले साक्ष्यों के आधार पर सीबीआई ने इन्हें गिरफ्तार किया।
इस बीच शीर्ष अधिकारी सहित अन्य पुलिस कर्मियों की गिरफतारी के बाद राजधानी शिमला में पुलिस मुख्यालय व जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दोनों जगहों पर दिन भर भारी तादाद में पुलिस जवान तैनात रहे। वहीं सामाजिक संगठनों ने पुलिस प्रशासन की घेराबंदी तेज करते हुए आज विरोध प्रदर्शन भी किए। छात्र संगठन एबीवीपी ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया और गिरफ्तार आईजी व डीएसपी का पुतला फुूंका।
गुडिया न्याय मंच ने पुलिस मुख्यालय नवबिहार स्थित पुलिस मुख्यालय के समक्ष जोरदार नारेबाजी कर विरोध जताया। माकपा के राकेश सिंघा ने राज्य के डीजीपी सामेश गोयल को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है।
गुडि़या न्याय मंच का पुलिस मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन, डीजीपी को हटाने की मांग
गुडि़या न्याय मंच ने गुडि़या को न्याय देने व डीजीपी को पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर पुलिस निदेशालय निगम विहार के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान डीजीपी ऑफिस का घेराव किया गया। गुडि़या न्याय मंच ने ऐलान किया है कि गुडि़या के असली कातिल अभी भी जेल व पकड़ से बाहर हैं इसलिए आंदोलन और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन में माकपा नेताओं राकेश सिंघा, डॉ ओंकार शाद,डॉ कुलदीप तनवर इत्यादि ने भाग लिया।
गुडि़या न्याय मंच के सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने सीबीआई द्वारा पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी का स्वागत किया है व इस केस के भंडाफोड़ में अहम कदम करार दिया है। उन्होंने सीबीआई से मांग की है कि जांच तेज की जाए व गुडि़या के असली कातिलों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने डीजीपी हिमाचल प्रदेश को तुरंत पद से बर्खास्त करने के मांग की है क्योंकि प्रदेश में वर्तमान डीजीपी के कार्यकाल में जंगलराज स्थापित हुआ है व पुलिस कस्टडी में सूरज की हत्या हुई है।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट है व कानून की रक्षक पुलिस लोगों की भक्षक बन चुकी है। पुलिस से लोगों का भरोसा पूरी तरह टूट चुका है। पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी से साबित हो चुका है कि पुलिस प्रशासन अमीरों की आगोश में है।
उन्होंने कहा है कि गुडि़या को न्याय दिलाने की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि गुडि़या के असली गुनाहगार पकड़े नहीं जाते हैं व गुडि़या को न्याय नहीं मिलता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से पूछा है कि आखिर उसकी क्या मजबूरी है कि वह डीजीपी को बचा रही है। इस से स्पष्ट है कि गुडि़या मामले में प्रदेश सरकार की मिलीभगत है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहा है कि अगर डीजीपी को तुरंत बर्खास्त न किया गया तो आंदोलन तेज होगा व निर्णायक मोड़ लेगा।