शिमला (शैलेंद्र कालरा ): सोमवार शाम आईजी समेत कुल 8 पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी कर सीबीआई ने सूबे में बड़ी हलचल मचा दी। यह साफ हो चुका है कि गिरफ्तारियों की वजह गुडिय़ा गैंगरेप के आरोपी सूरज की कस्टोडियल मौत है। सूरज के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने आया था कि पुलिस की कस्टडी में सिर पर चोट लगने, गला दबने के अलावा प्राईवेट पार्ट पर वार होने से हुई थी।
सनद रहे कि सीबीआई ने सूरज का पोस्टमार्टम दूसरी बार करवाया था। 18 जुलाई की रात पुलिस कस्टडी में आरोपी सूरज की मौत हो गई थी। सवाल इस बात पर उठ रहा था कि क्या सूरज कोई ऐसा राज जानता है जिससे कोई रसूखदार सलाखों के पीछे पहुंच सकता है। निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर एक आईपीएस अधिकारी समेत गिरफ्तार पुलिस कर्मियों से सीबीआई क्या-क्या सवाल पूछ सकती है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने यही बात जानने की कोशिश की। इसके मुताबिक…
– गुडिया गैंगरेप की जांच सही दिशा में आगे चल रही थी तो क्यों अचानक एसआईटी का गठन कर दिया गया। क्या गैंगरेप के किसी गुनाहगार को बचाने के लिए एसआईटी बनाई गई थी।
– सूरज की मौत की रात डयूटी पर संतरी के बयान पर सीबीआई का बड़ा सवाल यह रह सकता है कि सूरज की मौत का असल गुनाहगार कौन है।
– क्या कोटखाई थाना के तत्कालीन एसएचओ आरोपी को कहीं बाहर लेकर गया था या नहीं।
– अगर हत्यारा कोई पुलिस कर्मी ही था तो दूसरे आरोपी राजू के खिलाफ ही हत्या का मामला क्यों दर्ज कर दिया गया।
– आरोपी सूरज की हत्या की साजिश में क्या पुलिस के अन्य आला अधिकारी भी शामिल थे।
– तूल पकड़ चुके गुडिय़ा गैंगरेप के मामले में राजू व सूरज को एक ही जगह क्यों रखा गया।
– अगर राजू ने ही सूरज की हत्या की है तो डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी कहां थे।
– सीबीआई पूछेगी कि क्या सूरज सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार था।
– सूरज की हत्या व पुलिस थाना का रिकॉर्ड जलने में कोई संबंध है या नहीं।