बद्दी (एमबीएम न्यूज) : बीती 12 अगस्त को ठाणा स्थित राघव लाईफ साईंस में महिला से दुर्व्यवहार व थप्पड़ की टीस सोमवार को दोबारा फिर गूंज उठी। जैसे ही महाप्रंबधक शैलेंद्र कुमार उस दिन के मामले के बाद उद्योग पहुंचा महिलाओं ने कामकाज ठप्प कर दिया। जी.एम के उद्योग आने की खबर सुनते ही सभी महिलाएं काम छोडक़र उद्योग के गेट पर इक्ट्ठा हो गईं। गुस्साई महिलाओं ने जनशक्ति मजदूर सभा के बैनर तले जीएम व उद्योग प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महिलाओं की दो टूक चेतावनी है कि उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले जीएम को उद्योग से बाहर किया जाए।
वहीं महिलाओं का यह भी आरोप है कि पुलिस में शिकायत के बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और जीएम के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। जबकि 12 अगस्त को उद्योग में घटित इस घटना के बाद सभी महिलाएं नियमित तौर पर काम कर रही थीं। लेकिन जैसे ही सोमवार को विवादित जीएम उद्योग पहुंचा महिलाओं ने उत्पादन रोक दिया। पीडि़ता अंजू वाला, मीना, दर्शन कौर, सीता, शीला, सुमन, ज्योति, सतनाम कौर, महेंद्र कौर, विमला देवी, राणो, रीता, कमलेश, अच्छरी, कमला, सत्या, आरती, गायत्री, आशा, रोशनी, रचना का कहना है कि जीएम शैलेंद्र का महिलाओं के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है। उसकी उद्योग में मौजूदगी के बीच महिलाओं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
जीएम को उद्योग से निकालने के लिए महिलाओं ने 2 घंटे तक कड़ी धूप में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। वहीं सूचना के बाद बद्दी पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी मस्त राम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और उद्योग में पुलिस बल तैनात किया।
क्या है मामला
काबिलेगौर है कि बीती 12 अगस्त को जीएम शैलेंद्र कुमार ने अंजू वाला को अपने कैबिन में बुलाया। अंजूवाला के अनुसार जीएम उसे पिछले 6 महीने से लगातार मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताडि़त कर रहा था। 12 अगस्त की दोपहर पहले तो जीएम शैलेंद्र ने उसका हाथ पकड़ा और फिर उसे छूने की कोशिश की। जिस पर अंजूवाला ने अपना बचाब करते हुए जीएम को धक्का दिया। जिस पर गुस्साए जीएम ने अंजूवाला पर थप्पड़ों से प्रहार कर दिया। महिला का आरोप है कि पुलिस में शिकायत के बादजूद भी जीएम के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
मातृ शक्ति का अपमान बर्दाश्त नहीं: जेएमएस
जनशक्ति मजदूर सभा के प्रदेशाध्यक्ष राज कुमार चौधरी, जिलाध्यक्ष पममी चौधरी, गुरमुख चौधरी व राजन वांठ ने बताया कि उद्योग में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। जबकि श्रम कानूनों की सरेआम उद्योग में उल्लंघना की जा रही है। वर्षों से काम कर रहे कामगारों को ईएसआई व पीएफ की सुविधा से वंचित रखा गया है। कामगारों द्वारा एक लिखित शिकायत पर श्रम कार्यालय झाड़माजरी को सौंपा गया है जिसकी सुनवाई की तारीख विभाग ने तय कर दी है। जेएमएस कामगारों को उनका हक दिलाने के लिए अंत तक लड़ाई लड़ेगी। जबकि महिला शक्ति का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उधर श्रम अधिकारी बद्दी मनीष करोल का कहना है कि कामगारों का शिकायत आई है जिसके निपटारे के लिए जल्द दोनों पक्षों को बुलाया गया है।
विवादित जीएम ने नहीं की मीडिया से बात
संवेदनशील मामले की कवरेज को पहुंचे मीडिया कर्मियों ने महिलाओं का पक्ष सुना। लेकिन जब मीडिया कर्मी जीएम का पक्ष लेने उद्योग में पहुंचे तो जीएम ने मीडिया से मिलना उचित नहीं समझा। कुछ इंतजार के बावजूद भी जीएम अपने कैबिन से बाहर नहीं निकला। जबकि प्रबंधन भी इस मामले पर कोई संतोषजनक जबाब नहीं दे रहा। गेट पर गुस्साई सभी महिलाओं ने जीएम पर दुर्व्यवहार पूर्ण रवैये के गंभीर आरोप जड़े। महिलाओं का दो टूक कहना है कि जब तक जीएम को उद्योग से निकाला नहीं जाता तब तक वह काम नहीं करेंगी।