नाहन (एमबीएम न्यूज) : सरकारी व्यवस्था भी कमाल की है। दफ्तरों में पहुंच हों तो एक दिन में ही सारे काम निपट सकते है। लेकिन अगर कोई आसरा न हों तो सरकारी बाबू सालों तक भी केस को लटकाएं रखते है। यकीन करिए शिक्षा महकमे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात रहे खालाक्यार गांव के रणवीर सिंह का ड्यूटी के दौरान ही 5 जुलाई 2007 को निधन हो गया था। लेकिन विधवा को आज तक अपने पति की रिवाइज्ड पैंशन नहीं मिली है। विधवा द्वारा राजकीय उच्च पाठशाला घाटों समेत शिक्षा विभाग के अलावा महालेखाकार के समक्ष मामले को उठाया।
महिला कहती है कि वह बेहद दुखी मन से कहना चाहती है कि कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। महिला के मुताबिक स्कूल द्वारा पैंशन केस एजी कार्यालय को प्रेक्षित किया गया था। एजी कार्यालय का तर्क है कि सर्विस बुक नहीं मिली। महिला का कहना है कि सरकारी विभागों द्वारा एक दूसरे पर जिम्मेवारी डाली जा रही है। पिछले 5 सालों से चंपा देवी को मानसिक व आर्थिक तंगी का सामना करना पड रहा है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी चंपा देवी ने 8 अप्रैल 2017 को भी एक पत्र लिखा था लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है। बहरहाल इस मामले में शिक्षा विभाग का पक्ष नहीं मिला है। विभाग द्वारा कोई पक्ष उपलब्ध करवाया जाता है तो उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।