घुमारवीं (सुभाष कुमार गौतम) : जिला के भराडी वन परिक्षेत्र के अन्तर्गत पड़ने वाले जंगल अंद्राल में पिछले एक साल से भैंसों के व्यापारियों द्वारा चीड़ के पेड़ों से भैंसों के बांधने के कारण जहां वन संपदा को नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी तरफ वन विभाग इस बात से बेखबर नजर आ रहे हैं जिस कारण चीड़ के पेड़ सूख रहे हैं। गौरतलब है कि यह जंगल वन परिक्षेत्र भराडी के अंतर्गत पड़ता है और राष्ट्रीय उच्च मार्ग शिमला – धर्मशाला 103 से मात्र 800 मीटर दूरी पर डंगाार पंचायत के दख्यूत के साथ लगता है। वन विभाग के गार्ड व अधिकारी भी इस सबको देख कर भी नज़र अंदाज कर देते हैं। जो वन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल उठाता है।
आसपास के लोगों का कहना है कि एेसा लगता है जैसे मानो व्यापारियों ने वन विभाग के अधिकारियों की मुठी गर्म कर दी है, जिस कारण वे सबकुछ देखने के बाद भी अनदेखा कर देते हैं। हजारों रूपएे का वेतन लेकर वनों की मुल्यवान संपदा को नष्ट होते देखकर भी अपने दफ्तरों में आराम फरमाते है। स्थानीय लोगों लछमन दास, चुनी लाल, सरवण राम, किसन चंद, विद्या सागर ने बताया कि मानों 500 हेक्टेयर में फैला यह सरकारी जंगल वन विभाग व सरकार के दस्तावेज में ही नहीं है, आज तक वन विभाग के अधिकारी खुली आँखों के होते हुए यह सब देखते आ रहे है। इन लोगों का कहना है कि विभाग अगर इस तरह ही कुंभकर्ण की नींद सोया रहा तो इस बारे में उपायुक्त जिला को इसकी लिखित शिकायत की जाएगी कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले एक साल से इस विषय पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं अमल में लाई।